मध्यप्रदेश में निजी क्षेत्र में भी लागू होगा आरक्षण, कमलनाथ सरकार लेकर आ रही कानून
सत्ता में आते ही कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने पिछड़ा वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण की घोषणा की थी जिसे कैबिनेट में भी मंजूरी मिल गई। वहीं 50 फीसदी से अधिक आरक्षण की सीमा हो जाने के चलते यह मामला कोर्ट में है।
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में जीत के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने निजी क्षेत्र में आरक्षण की बात कही थी। कमलनाथ ने कहा था कि मध्यप्रदेश की नौकरियां अन्य राज्य के लोगों के पास जा रही हैं। उन्होने उस समय कहा था कि उत्तर प्रदेश और बिहार के लोग प्रदेश के लोगों की नौकरियों पर कब्जा जमाए हुए है। कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में भी युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था। सरकार बनने के बाद सीएम कमलनाथ ने निजी क्षेत्र की नौकरियों में 70 फीसदी आरक्षण देने के लिए कानून लाने वाली है। सीएम कमलनाथ ने इस बारे में मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन विपक्ष की नोकझोंक के बीच यह बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश की तुलना गुजरात या पश्चिम बंगाल से नहीं की जा सकती क्योंकि उन राज्यों में वहां की स्थानीय भाषा में ही पेपर होते हैं।
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सत्ता में आते ही कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने पिछड़ा वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण की घोषणा की थी जिसे कैबिनेट में भी मंजूरी मिल गई। वहीं 50 फीसदी से अधिक आरक्षण की सीमा हो जाने के चलते यह मामला कोर्ट में है। यही नहीं केंद्र सरकार द्वारा सामान्य वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण लागू करने वाले मामले पर भी मध्यप्रदेश सरकार ने नियम बना दिए है और इसे कैबिनेट में पास भी कर दिया है। वहीं अब निजी क्षेत्र की नौकरियों में 70 फीसदी आरक्षण देकर कमलनाथ सरकार एक बड़ा दांव लगाने जा रही है।
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