कोरोना के कम होते मामलों के बाद मिल सकती है पाबंदियों से राहत,सरकार ने दिए संकेत
क्राइसिस कमेटी ने कहा कि पाबंदियां दो प्रमुख बातों को ध्यान में रखकर कम की जाती हैं। पहली बात कि अप्रत्याशित तौर पर पॉजिटिव केस की संख्या न बढ़े। और दूसरी यह कि संसाधन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहें। एक समय पर केस की संख्या से घटने-बढ़ने से ज्यादा असर नहीं पड़ता है।
भोपाल। मध्य प्रदेश में कोरोना के कम होते मामलों के बीच सरकार ने 1 फरवरी से कक्षा 1 से 12वीं तक के स्कूल खोल दिए हैं। इसी के ही साथ आंगनबाड़ी केंद्रों को भी खोल दिया गया है। गुरुवार से प्रोटोकॉल के तहत प्रदेशभर में आंगनबाड़ी केंद्र खुल जाएंगे। जिसके लिए महिला एवं बाल विकास विभाग ने सभी कलेक्टर्स को निर्देश जारी कर दिए हैं।
प्रदेश सरकार ने संकेत दिए हैं कि यदि कोरोना को लेकर यही स्थिति बनी रही, तो पाबंदियां जल्द ही कम की जा सकती हैं। इसमें शादी समारोह में 250 लोगों के शामिल होने की शर्त भी खत्म की जा सकती है। प्रदेश में कोरोना पॉजिटिविटी रेट में लगातार कमी आ रही है।
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वहीं क्राइसिस कमेटी ने कहा कि पाबंदियां दो प्रमुख बातों को ध्यान में रखकर कम की जाती हैं। पहली बात कि अप्रत्याशित तौर पर पॉजिटिव केस की संख्या न बढ़े। और दूसरी यह कि संसाधन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहें। एक समय पर केस की संख्या से घटने-बढ़ने से ज्यादा असर नहीं पड़ता है। यदि यह रेट कम रहता है और संसाधन उपलब्ध रहते हैं, तो निश्चित रूप से सख्ती कम की जा सकती है।
दरअसल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 14 जनवरी को क्राइसिस कमेटी की बैठक ली थी। इस दौरान प्रदेश में 21,387 केस थे. पॉजिटिविटी रेट 6 प्रतिशत था। एक्टिव केस के 96.7 प्रतिशत रोगी होम आइसोलेशन में थे। सिर्फ 3.3 रोगी अस्पतालों में एडमिट हुए थे। उपलब्ध बिस्तर क्षमता 67 हजार 164 है। जिसमें से कुल 1.17 प्रतिशत का उपयोग हो रहे थे।
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