दिल्ली की अदालत ने दीप सिद्धू की पुलिस कस्टडी 7 दिन के लिए बढ़ाई

Red Fort incident

दिल्ली की अदालत ने दीप सिद्धू की पुलिस हिरासत और सात दिन के लिए बढ़ा दी है।पुलिस ने सिद्धू से हिरासत में पूछताछ के लिए और समय दिए जाने की अपील की थी और कहा था कि इस मामले में आगे की जांच और अन्य आरोपियों की पहचान के लिए हिरासत अवधि को बढ़ाए जाने की जरूरत है।

नयी दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने 26 जनवरी को, तीन कृषि कानूनों के विरोध में निकाली गई किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान लाल किले में हिंसा होने के मामले में मंगलवार को अभिनेता- कार्यकर्ता दीप सिद्धू की पुलिस हिरासत की अवधि सात दिन के लिए बढ़ा दी है। इस मामले में पुलिस की हिरासत की अवधि समाप्त होने के बाद सिद्धू को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया था। पुलिस ने सिद्धू से हिरासत में पूछताछ के लिए और समय दिए जाने की अपील की थी और कहा था कि इस मामले में आगे की जांच और अन्य आरोपियों की पहचान के लिए हिरासत अवधि को बढ़ाए जाने की जरूरत है। अदालत ने नौ फरवरी को सिद्धू को सात दिनों के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया था। पुलिस का आरोप है कि सिद्धू किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान लाल किले पर हुई हिंसा को उकसाने के मुख्य आरोपियों में से एक है। पुलिस ने कहा था कि ऐसे वीडियो हैं, जिसमें सिद्धू को कथित तौर पर घटना स्थल पर देखा जा सकता है।

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पुलिस ने आरोप लगाया, ‘‘ वह भीड़ को उकसा रहा था। वह हिंसा करने वालों में से एक है। सह-षडयंत्रकारियों की पहचान के लिए कई सोशल मीडिया अकाउंटों की जांच जरूरी है। वहीं उसका स्थायी पता नागपुर दिया गया है जबकि आगे के खुलासों के लिए पंजाब और हरियाणा के कई स्थानों पर जांच करने के लिए जाने की जरूरत है।’’ पुलिस ने आरोप लगाया, ‘‘ वह उन लोगों के साथ बाहर निकलता देखा जा सकता है जिन्होंने लाल किले पर धार्मिक झंडे लगाए और उसे बधाई दी। वह बाहर आया, ऊंचे स्वर में भाषण दिया और भीड़ को उकसाया। वह लोगों को भड़काने का मुख्य आरोपी है। उसने भीड़ को उकसाया, जिसकी वजह से हिंसा हुई। इस घटना में कई पुलिसकर्मी घायल हुए।’’ वहीं सिद्धू के वकील ने कहा कि हिंसा से सिद्धू का कोई लेना-देना नहीं है और ‘‘वह केवल गलत वक्त पर गलत जगह पर था।’’ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत सिद्धू पर मामला दर्ज किया गया है। गणतंत्र दिवस के दिन राष्ट्रीय राजधानी में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान किसानों और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प हुई थी। इस बीच, कुछ प्रदर्शनकारी ट्रैक्टर लेकर लाल किले पहुंचे। इनमें से कुछ अंदर गएऔर इस ऐतिहासिक इमारत की प्राचीर पर धार्मिक झंडा लगा दिया। हिंसा में करीब 500 पुलिसकर्मी घायल हो गए और एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई थी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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