फ्लोर टेस्ट से पहले दान-पुण्य करने में जुटे शिवसेना बागी विधायक, असम में बाढ़ राहत कार्य के लिए 51 लाख की मदद की
महाराष्ट्र से शिवसेना के बागी विधायकों ने असम में बाढ़ राहत कार्य के लिए 51 लाख रुपये दान दिए हैं। विधायकों के प्रवक्ता ने बुधवार को यह जानकारी दी। गत एक सप्ताह से शिवसेना के बागी विधायक गुवाहाटी में डेरा डाले हुए हैं।
मुंबई। महाराष्ट्र से शिवसेना के बागी विधायकों ने असम में बाढ़ राहत कार्य के लिए 51 लाख रुपये दान दिए हैं। विधायकों के प्रवक्ता ने बुधवार को यह जानकारी दी। गत एक सप्ताह से शिवसेना के बागी विधायक गुवाहाटी में डेरा डाले हुए हैं। वरिष्ठ मंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में इन विधायकों ने बगावत का झंडा उठाया है। असम के ज्यादातर इलाकों में बाढ़ की विभीषिका के बीच गुवाहाटी के लग्जरी होटल में ठहरने को लेकर जारी आलोचनाओं के बीच, बागी विधायकों के प्रवक्ता दीपक केसरकर ने पीटीआई-से कहा, “बाढ़ राहत कार्य में हमारे योगदान के तौर पर, शिंदे ने असम मुख्यमंत्री राहत कोष में 51 लाख रुपये दान दिए हैं। हम यहां लोगों की समस्याओं को नजरअंदाज नहीं कर सकते।”
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केसरकर ने कहा कि महाराष्ट्र के राज्यपाल बी. एस. कोश्यारी ने बृहस्पतिवार को विधानसभा में उद्धव ठाकरे नीत महा विकास आघाड़ी को विश्वास मत का सामना करने को कहा है इसलिए बागी विधायकों ने गुवाहाटी से निकलकर मुंबई के पास किसी स्थान पर जाने का निर्णय लिया है। शिंदे के एक करीबी सहयोगी ने बताया कि विधायकों का समूह गोवा स्थित एक होटल में रुकेगा और बृहस्पतिवार को सुबह साढ़े नौ बजे मुंबई पहुंचेगा। केसरकर ने कहा, “हम एक स्थान पर रुकेंगे जो मुंबई से हवाई मार्ग से एक घंटे की दूरी पर है ताकि हम सदन में विश्वास मत के लिए सुविधाजनक तरीके से पहुंच सकें। हम इसकी (विश्वास मत) मांग लंबे समय से कर रहे थे।”
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शिवसेना अध्यक्ष और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के प्रति निराशा जताते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी के विधायक उनसे राकांपा और कांग्रेस का साथ छोड़ने को कह रहे थे लेकिन उन्होंने कभी उनकी बात नहीं सुनी। केसरकर ने कहा, “शिवसेना के ज्यादातर विधायकों ने इन दोनों पार्टियों से दूरी बनाने का निर्णय लिया है इसलिए शिवसेना के जो बाकी विधायक उनके (ठाकरे) साथ हैं, उन्हें विश्वास मत के दौरान हमारे सचेतक की बात माननी होगी।” उन्होंने कहा कि ठाकरे कुछ निर्देश अवश्य दे सकते हैं लेकिन जब वे (बागी विधायक) सदन में होंगे तो देश के संविधान के अनुसार चलेंगे।
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