पुलिस भर्ती परीक्षा: सुरजेवाला ने उच्च न्यायालय के न्यायाधीश से जांच की मांग उठायी

Randeep Singh Surjewala
प्रतिरूप फोटो

कांग्रेस महासचिव सुरजेवाला ने शनिवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए दावा किया कि, अलग-अलग परीक्षा केंद्रों पर उम्मीदवारों को दो अलग-अलग प्रश्नपत्र दिए गए। सुरजेवाला ने कहा,‘‘ कुछ केंद्रों पर दो प्रश्नपत्र दिए गए जबकि कुछ अन्य पर तीन प्रश्न पत्र दिए जो ‘प्रश्नपत्र लीक घोटाले’ का भंडाफोड़ करता है।

कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने शनिवार को हरियाणा में पुलिस उपनिरीक्षक पद के लिए हुई भर्ती परीक्षा का प्रश्नपत्र कथित रूप से लीक होने की जांच उच्च न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश से कराने की मांग की।

मीडिया को संबोधित करते हुए कांग्रेस महासचिव सुरजेवाला ने कहा कि पुलिस उपनिरीक्षक के 400 पदों के लिए करीब 1.58 लाख लोगों ने आवेदन किया था और 26 सितंबर को संपन्न हुई परीक्षा में 1.07 लाख लोग शामिल हुए।

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उन्होंने दावा किया कि अलग-अलग परीक्षा केंद्रों पर उम्मीदवारों को दो अलग-अलग प्रश्नपत्र दिए गए। सुरजेवाला ने कहा,‘‘ कुछ केंद्रों पर दो प्रश्नपत्र दिए गए जबकि कुछ अन्य पर तीन प्रश्न पत्र दिए जो ‘प्रश्नपत्र लीक घोटाले’ का भंडाफोड़ करता है।

उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश से कराने का आदेश दिया जाना चाहिए और परीक्षा दोबारा कराई जानी चाहिए। सुरजेवाला ने सवाल किया कि पुलिस उपनिरीक्षक की एक भर्ती परीक्षा के लिए क्यों तीन अलग-अलग प्रश्नपत्र दिए गए। उन्होंने आरोप लगाया कि हरियाण कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) परीक्षा होने के आठ दिन बीतने के बाद भी उत्तर कुंजी जारी करने में असफल रहा।

सुरजेवाला ने दावा किया कि ‘‘ यह इस सच्चाई का खुलासा करता हैं कि एक प्रश्नपत्र नहीं बल्कि एक ही परीक्षा के लिए तीन अलग-अलग प्रश्नपत्र थे।’’ कांग्रेस नेता ने कहा कि परीक्षा में कुछ ‘बेतुके’ सवाल पूछे गए थे।

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा और उसके नेताओं की जानकारी पुलिस उपनिरीक्षक बनने की कसौटी है। सुरजेवाला ने प्रश्नों की ओर इशारा करते हुए कहा कि समझ से परे है कि पुलिस उपनिरीक्षक की भर्ती और हरियाणा के गृहमंत्री की वैवाहिक स्थिति और एचएसएससी अध्यक्ष के गांव से क्या संबंध हैं।

कांग्रेस नेता ने परीक्षा की शुचिता पर सवाल उठाते हुए मामले की जांच के लिए उच्च न्यायालय के पदस्थ दो न्यायाधीशों का आयोग बनाने की मांग की।

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डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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