Ranchi की अदालत ने जामताड़ा के पांच साइबर अपराधियों को पांच साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई

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‘जामताड़ा’ नाम की वेब सीरीज इस जिले के कुछ अपराधियों द्वारा की गई धोखाधड़ी की वास्तविक घटनाओं पर आधारित है। इस धोखाखड़ी के कारण ही जामताड़ा को ‘साइबर क्राइम कैपिटल’ का नाम दिया गया है।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को बताया कि झारखंड की एक विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) अदालत ने जामताड़ा जिले के रहने वाले पांच लोगों को फोन कॉल के माध्यम से कई व्यक्तियों को ठगने के लिए धन शोधन रोधी कानून के तहत पांच वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई।

रांची की अदालत ने 20 जुलाई को पांचों आरोपियों को दोषी ठहराया और मंगलवार को उनकी सजा की घोषणा की। ये लोग फोन कॉल पर आवाज बदलकर खुद को कंपनियों का प्रतिनिधि बताते थे और उनसे उनकी व्यक्तिगत जानकारी जुटाकर उनके खाते या फिर क्रेडिट व डेबिट कार्ड से पैसे चुराते थे।

नेटफ्लिक्स पर वर्ष 2020 में रिलीज हुई ‘जामताड़ा’ नाम की वेब सीरीज इस जिले के कुछ अपराधियों द्वारा की गई धोखाधड़ी की वास्तविक घटनाओं पर आधारित है। इस धोखाखड़ी के कारण ही जामताड़ा को ‘साइबर क्राइम कैपिटल’ का नाम दिया गया है।

पुलिस और अन्य जांच एजेंसियों ने इन अपराधियों के खिलाफ व्यापक कार्रवाई शुरू की थी। गिरफ्तार किये लोगों में से कई युवा थे। ईडी ने एक बयान में बताया कि पीएमएलए के तहत अदालत द्वारा सजा पाने वालों में गणेश मंडल (51), उनके बेटे प्रदीप कुमार मंडल (30), संतोष मंडल (51) और उनके बेटे पिंटू मंडल (33) और अंकुश कुमार मंडल (27) शामिल हैं। ये सभी नारायणपुर थाना क्षेत्र के मिरगा गांव के निवासी हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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