35A पर बोले राम माधव, मोदी सरकार वही करेगी जो जम्मू कश्मीर के हित में होगा
माधव ने कहा, ‘‘स्थानीय राजनीतिक दलों के नेता अपने राजनीतिक हितों के लिए भय का माहौल पैदा कर रहे हैं। सुरक्षा की दृष्टि से कश्मीर में बलों का आना जाना लगा हुआ है और यह एक निरंतर प्रक्रिया है।
श्रीनगर। जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संवैधानिक प्रावधान वापस लेने की केंद्र की किसी भी योजना से जुड़े सवाल का सीधा उत्तर देने से बचते हुए भारतीय जनता पार्टी के महासचिव राम माधव ने बुधवार को कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार राज्य के हित में उचित समय आने पर आवश्यक कदम उठाएगी। माधव ने यहां संवाददाताओं को बताया, ‘‘इस पर (संविधान के अनुच्छेद 35 ए को निरस्त करने के बारे में) भाजपा का रुख बेहद स्पष्ट है और (इस मामले में) पार्टी कोई निर्णय नहीं करने जा रही है। यह निर्णय प्रधानमंत्री और उनकी सरकार का होगा। लेकिन मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि जो भी निर्णय वे करेंगे, वह राज्य के हित में होगा।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश के राजनीतिक दल अपनी राजनैतिक जमीन बचाने के लिए केंद्रीय सशस्त्र अर्धसैनिक बलों के आने-जाने को अन्य मुद्दों से जोड़ कर कश्मीर में डर का माहौल पैदा कर रहे हैं।
R Madhav,BJP: Kal Parliament mein jis tarah kuch logon ne absent hokar us kanoon(Muslim Women Protection of Rights on Marriage Bill,2019)ko samarthan diya hum dhanyawad dete hain. Isi tarah jo acha kaam Modi ji karte hain uska samarthan karo khul kar nahi kar sakte to absent raho pic.twitter.com/0LRquuR5Xi
— ANI (@ANI) July 31, 2019
माधव ने कहा, ‘‘स्थानीय राजनीतिक दलों के नेता अपने राजनीतिक हितों के लिए भय का माहौल पैदा कर रहे हैं। सुरक्षा की दृष्टि से कश्मीर में बलों का आना जाना लगा हुआ है और यह एक निरंतर प्रक्रिया है। अतिरिक्त बल अमरनाथ यात्रा और चुनावों के लिए लगाए गए हैं क्योंकि यहां पंचायत के लिये प्रखंड स्तर पर चुनाव होने जा रहे हैं। लेकिन, व्यक्तिगत हितों के लिए बलों के आने-जाने को अन्य मुद्दों के साथ जोड़ा जा रहा है।’’ संविधान का अनुच्छेद 35 ए राज्य को प्रदेश के स्थायी निवासियों को परिभाषित करने की शक्ति प्रदान करता है। पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती पर हमला बोलते हुए भाजपा महासचिव ने कहा कि वह उत्तेजक बयानबाजी कर अपना समाप्त होता रजनीतिक जनाधार बचाने का प्रयास कर रही हैं। माधव ने कहा, ‘‘क्षेत्रीय राजनीतिक दलों के समाप्त हो रहे जनाधार को बचाने के लिए डर का माहौल पैदा करने का प्रयास किया जा रहा है। हम राज्य में अपने काम को आगे बढ़ा रहे हैं , चुनाव आ रहे हैं ...... उन्हें लोगों के बीच जाने दीजिए और चुनावों के बारे में बात करने दीजिए । उनके अपने नेता पार्टी की स्थापना दिवस समारोह में हिस्सा नहीं ले रहे हैं....तब वह बमों और विस्फोटकों के बारे में बात करते हैं। चूंकि भ्रष्टाचार के खिलाफ नकेल कसी गयी है इसलिए वह अपने आपको बचाने के लिए यह सब नाटक कर रहे हैं।’’
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केंद्र की तरफ से संविधान के अनुच्छेद 35 ए को निरस्त करने संबंधी अटकलों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए महबूबा ने 28 जुलाई को कहा था कि जम्मू कश्मीर के मूल निवासियों को निवास और नौकरी का अधिकार प्रदान करने वाले संविधान के प्रावधान के साथ छेड़छाड़ करना विस्फोटकों से हाथ जलाने के समान होगा। माधव ने कहा कि सरकार वह सभी कदम उठाएगी जो कानून के दायरे में और राज्य के लोगों के हित में होगा। उन्होंने कहा, ‘‘अदालतों के समक्ष कुछ मुद्दे लंबित हैं, जो वहां उठाये जायेंगे।’’ उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर को दिये गए विशेष प्रावधान को समाप्त करने के बारे में हर बार सवाल किये जा रहे हैं, ‘‘हम यह जानना चाहते हैं कि ऐसा कौन कह रहा है।’’ भाजपा महासचिव ने कहा, ‘‘वह कहते हैं महबूबा जी। लेकिन महबूबा जी सरकार नहीं चला रही हैं। जिसे कदम उठाना है, वह उठाएगा और जो भी कदम उठाया जाएगा वह जम्मू कश्मीर के हित में होगा । जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल महबूबा कर रही हैं वह खुद को प्रासंगिक बनाये रखने का प्रयास है।’’
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