विधानसभा चुनाव में उतारे जाने पर बोले राज्यवर्धन राठौड़, राजस्थान को परिवर्तन की ज़रूरत, चेहरे की राजनीति ने इसे बर्बाद किया

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ANI
अंकित सिंह । Oct 9 2023 6:25PM

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि एक टीम इस तरह से काम करे जो राजस्थान में विकास की राजनीति कर सके और बदलाव ला सके। उन्होंने कहा कि पिछले 5 साल में हुई 'चेहरे की राजनीति' ने राजस्थान को बर्बाद कर दिया है।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोमवार को राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए 41 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी। 41 उम्मीदवारों की सूची में, उनमें से सात मौजूदा सांसद हैं जो राज्य चुनाव लड़ेंगे। राज्यवर्धन सिंह राठौड़ झोटवाड़ा से चुनाव लड़ेंगे। इसको लेकर राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा कि मैं धन्यवाद करता हूं कि प्रधानमंत्री को विश्वास था कि जिस प्रकार का काम मैंने सांसद रहते हुए किया वैसा ही काम मैं आगे करूंगा। उन्होंने कहा कि राजस्थान के अंदर परिवर्तन की ज़रूरत है, यहां पर अपराध, बेरोजगारी के विषय हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा के जितने भी कार्यकर्ता है उनके फोन आ रहे हैं, झोटवाड़ा से एक खास लगाव रहा है वह मेरी अपनी विधानसभा रही है। 

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पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि एक टीम इस तरह से काम करे जो राजस्थान में विकास की राजनीति कर सके और बदलाव ला सके। उन्होंने कहा कि पिछले 5 साल में हुई 'चेहरे की राजनीति' ने राजस्थान को बर्बाद कर दिया है। बीजेपी में वंशवाद नहीं बल्कि रिपोर्ट कार्ड की राजनीति होती है। बीजेपी कार्यकर्ता कैसे काम करते हैं वो पीएम मोदी का चेहरा परिभाषित करता है। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं में एक नया जोश आया है कि कुछ ऐसे लोग जो पीएम मोदी के साथ काम करते थे और जिन्हें पीएम मोदी ने ध्यान से देखा है, उन्हें विधानसभा चुनाव में उतारा जा रहा है। हम युद्ध लड़ने को तैयार हैं, हम कोई सीट नहीं छोड़ेंगे, कोई मोर्चा नहीं छोड़ेंगे। यह एक अच्छा संदेश है...यह इस देश के लिए एक लड़ाई है।' 

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राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के अलावा दीया कुमारी विद्याधर नगर से, बाबा बालकनाथ तिजारा से, नरेंद्र कुमार मंडावा से, डॉ. किरोड़ी लाल मीना सवाई माधोपुर से, भागीरथ चौधरी किशनगढ़ से और देवजी पटेल सांचौर से चुनाव लड़ेंगे। गौरतलब है कि दीया कुमारी पूर्ववर्ती जयपुर राजघराने की सदस्य हैं। राजस्थान में 23 नवंबर को एक ही चरण में मतदान होगा जबकि वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी। राजस्थान में कुल 200 सीटें हैं। राजस्थान में - जहां 23 नवंबर को कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच सीधी लड़ाई होगी - सत्ता विरोधी लहर एक महत्वपूर्ण कारक है। 1993 से, जब राष्ट्रपति शासन के बाद भाजपा सत्ता में आई, राज्य में बारी-बारी से कांग्रेस और भाजपा का दौर चलता रहा।

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