सदस्य की मृत्यु होने पर राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित नहीं होगी

[email protected] । May 31 2016 5:45PM

पुरानी व्यवस्था को तिलांजलि देते हुए राज्यसभा ने निर्णय किया है कि यदि वर्तमान सदस्य की सत्रावसान के दौरान मृत्यु हो जाती है तो सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित नहीं की जाएगी।

पुरानी व्यवस्था को तिलांजलि देते हुए राज्यसभा ने यह निर्णय किया है कि यदि वर्तमान सदस्य की सत्रावसान के दौरान मृत्यु हो जाती है तो सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित नहीं की जाएगी। हालांकि, यदि सत्र के दौरान वर्तमान सदस्य की मृत्यु होती है तो पूरे दिन के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित करने की व्यवस्था बरकरार रहेगी। राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी ने इस संबंध में सामान्य उद्देश्य समिति की सिफारिशें स्वीकार कर ली हैं जिसकी जानकारी यहां एक राज्यसभा पुस्तिका में दी गई।

समिति ने सिफारिश की थी कि यदि सत्रावसान के दौरान वर्तमान सदस्य की मृत्यु हो जाती है तो सभा के प्रथम दिन पूरे दिन के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित करने की व्यवस्था समाप्त की जा सकती है। मौजूदा व्यवस्था के बजाय दिवंगत को सम्मान के तौर पर श्रद्धांजलि देकर एक घंटे के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित की जा सकती है। संशोधित प्रक्रिया के मुताबिक, एक मंत्री की मृत्यु होने के मामले में जो राज्यसभा का सदस्य नहीं है, यदि मृत्यु दिल्ली में हुई हो तो सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित की जाएगी जिससे सदस्य उनके अंतिम संस्कार में शामिल हो सकें या पार्थिव शरीर को दिल्ली से अन्यत्र भेजने की सभा में शामिल हो सकें।

इसमें कहा गया है कि एक राष्ट्रीय राजनैतिक दल के मुखिया की मृत्यु होने की स्थिति में सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित की जाएगी बशर्ते कि मृतक लोकसभा का वर्तमान सदस्य रहा हो और उसकी पार्टी का राज्यसभा में प्रतिनिधित्व हो और उसे चेयरमैन द्वारा या तो सदन में एक पार्टी या समूह के तौर पर मान्यता दी गई हो। एक असाधारण हस्ती या राष्ट्रीय नेता या विदेशी हस्ती की मृत्यु की स्थिति में राज्यसभा का सभापति, सदन के नेता के साथ परामर्श कर यह तय करेगा कि सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित की जाये या नहीं।

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