मोटर यान संशोधन विधेयक-2019 को राज्यसभा ने दी मंजूरी
गडकरी ने कहा कि विधेयक के प्रावधान 18 राज्यों के परिवहन मंत्रियों की सिफारिशों पर आधारित हैं। इन सिफारिशों की संसद की स्थायी समिति ने भी विस्तार से जांच परख की और उसकी रिपोर्ट के आधार पर इन्हें विधेयक में शामिल किया गया है।
नयी दिल्ली। राज्यसभा ने देश में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के मकसद से बुधवार को सड़क सुरक्षा के लिए कठोर प्रावधानों वाले मोटर यान (संशोधन) विधेयक-2019’ को मंजूरी दे दी। राज्यसभा ने विधेयक को चर्चा के बाद 13 के मुकाबले 108 मतों से पारित कर दिया। विधेयक पर लाये गये विपक्षी सदस्यों के संशोधन प्रस्तावों को ध्वनिमत से खारिज कर दिया गया। यह विधेयक गत सप्ताह लोकसभा में पारित हुआ था। किंतु विधेयक में ‘मुद्रण की कुछ मामूली त्रुटि’ रह जाने के कारण सरकार को उसे ठीक करने के लिए तीन संशोधन लाने पड़े। इन संशोधनों के कारण अब यह विधेयक फिर से लोकसभा में जाएगा।
Union Road Transport Minister, Nitin Gadkari on the passing of Motor Vehicles (Amendment) Bill, 2019 in Rajya Sabha: 5 lakh accidents happen in our country causing 1.5 lakh deaths, every year. We are number one in accidents in the world, now we've got the chance to correct this. pic.twitter.com/BauLEtBx1K
— ANI (@ANI) July 31, 2019
उच्च सदन में विधेयक पर हुयी चर्चा का जवाब देते हुए सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने स्पष्ट किया कि सरकार का मोटर यान संशोधन विधेयक के माध्यम से राज्यों के अधिकार में दखल देने का कोई इरादा नहीं है। इसके प्रावधानों को लागू करना राज्यों की मर्जी पर निर्भर है और केंद्र की कोशिश राज्यों के साथ सहयोग करने, परिवहन व्यवस्था में आमूलचूल बदलाव लाने और दुर्घटनाओं को कम करने की है। विधेयक में सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के मकसद से काफी कठोर प्रावधान रखे गये हैं। किशोर नाबालिगों द्वारा वाहन चलाना, बिना लाइसेंस, खतरनाक ढंग से वाहन चलाना, शराब पीकर गाड़ी चलाना, निर्धारित सीमा से तेज गाड़ी चलाना और निर्धारित मानकों से अधिक लोगों को बैठाकर अथवा अधिक माल लादकर गाड़ी चलाने जैसे नियमों के उल्लंघन पर कड़े जुर्माने का प्रावधान किया गया है। इसमें एंबुलेंस जैसे आपातकालीन वाहनों को रास्ता नहीं देने पर भी जुर्माने का प्रस्ताव किया गया है।
इसे भी पढ़ें: 35A पर बोले राम माधव, मोदी सरकार वही करेगी जो जम्मू कश्मीर के हित में होगा
गडकरी ने कहा कि विधेयक के प्रावधान 18 राज्यों के परिवहन मंत्रियों की सिफारिशों पर आधारित हैं। इन सिफारिशों की संसद की स्थायी समिति ने भी विस्तार से जांच परख की और उसकी रिपोर्ट के आधार पर इन्हें विधेयक में शामिल किया गया है। तेज गाड़ी चलाने, बिना बीमा पॉलिसी के वाहन चलाने और बिना हेलमेट के वाहन चलाने पर जुर्माना एवं निर्धारित अवधि के लिये लाइसेंस निलंबित किया जाने के प्रावधान विधेयक में शामिल हैं। किशोर द्वारा गाड़ी चलाते हुये सड़क पर कोई अपराध करने की स्थिति में गाड़ी के मालिक अथवा अभिभावक को दोषी माना जायेगा और वाहन का पंजीकरण भी निरस्त किया जायेगा। इस विधेयक में केंद्र सरकार के लिये मोटर वाहन दुर्घटना कोष के गठन की बात कही गई है जो भारत में सड़क का उपयोग करने वालों को अनिवार्य बीमा कवर प्रदान करेगा।
अन्य न्यूज़