राजनाथ ने बांग्लादेश मुक्ति संग्राम को 20वीं सदी की ‘अभूतपूर्व’ घटना बताया
सिंह ने कहा कि बांग्लादेश मुक्ति संग्राम की भावना को युवा पीढ़ी, खासकर सशस्त्र बलों में शामिल होने वालों के दिमाग में जिंदा रखने की जरूरत है।
नयी दिल्ली| रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि बांग्लादेश मुक्ति संग्राम 20वीं सदी की एक अभूतपूर्व घटना थी क्योंकि यह अन्याय, अत्याचार और उत्पीड़न के खिलाफ एक नैतिक लड़ाई थी।
सिंह ने यहां बांग्लादेश उच्चायोग में एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि 1971 की घटनाओं पर भारत की प्रतिक्रिया ‘‘मात्र राजकीय नीति के मामले से अधिक एक सभ्यता’’ को प्रतिबिंबित करती है। उन्होंने कहा कि भारत के लिए, बांग्लादेश के साथ संबंध हमेशा विशेष होते हैं और यह एक रणनीतिक साझेदारी से आगे जाते हैं।
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बांग्लादेश के सशस्त्र बल दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, ‘‘बांग्लादेश मुक्ति संग्राम 20वीं सदी के इतिहास में कई कारणों से एक अभूतपूर्व घटना थी। यह अन्याय, अत्याचार और उत्पीड़न के खिलाफ एक नैतिक लड़ाई थी।’’
सिंह ने कहा कि बांग्लादेश मुक्ति संग्राम की भावना को युवा पीढ़ी, खासकर सशस्त्र बलों में शामिल होने वालों के दिमाग में जिंदा रखने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह और भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि 1971 में बांग्लादेश पर अनकहे अत्याचार और दुख लाने वाली ताकतें और जिन ताकतों के खिलाफ हमने अपना खून बहाया है, वे अभी खत्म नहीं हुई हैं।’’
उन्होंने कहा कि भारत-बांग्लादेश की रक्षा और सुरक्षा चिंताओं का समर्थन करने के लिए बांग्लादेश के साथ मिलकर काम करना भारत जारी रखना चाहता है।
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सिंह ने कहा कि भारत अपने पड़ोसियों की सुरक्षा और विकास संबंधी चिंताओं के प्रति बेहद संवेदनशील है और वह पड़ोसियों की ओर से पारस्परिक स्तर की संवेदनशीलता की उम्मीद करता है।
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