चीन के साथ तनाव के बीच बोले राजनाथ सिंह, हमेशा अपने पड़ोसियों के साथ अच्छा संबंध चाहता है भारत
सेना के जवानों के एक समूह के साथ बातचीत में, रक्षा मंत्री ने विजयदशमी के अवसर पर उन्हें अपनी शुभकामनाएं दी और देश की सीमाओं को सुरक्षित रखने के लिए उनके समर्पण की सराहना की।
नयी दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्वी सेक्टर में सुकना स्थित 33वीं कोर के मुख्यालय में भारतीय सेना की तैयारियों की समीक्षा की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। यह कोर सिक्किम में चीन से लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर निगरानी रखती है। दार्जिलिंग में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत हमेशा अपने सभी पड़ोसी देशों के साथ अच्छे संबंध चाहता है, हमने हमेशा उसी के लिए प्रयास किया है। लेकिन हमारे जवानों को समय-समय पर अपनी सीमाओं, अखंडता और सार्वभौमिकता की रक्षा के लिए अपने जीवन का बलिदान करना पड़ा है। उन्होंने जवानों से कहा कि इस बार गालवान में, बिहार रेजिमेंट के हमारे 20 जवानों ने अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए खुद को बलिदान कर दिया ... आपकी वजह से देश और उसकी सीमाएं सुरक्षित हैं।
रक्षा मंत्री दोपहर में दार्जिलिंग जिले में एक प्रमुख सैन्य अड्डे, जिसे ‘त्रिशक्ति’ कोर के रूप में जाना जाता है, पहुंचे थे। वह पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा गतिरोध के मद्देनजर सैन्य तैयारियों की समीक्षा के साथ-साथ सैनिकों के साथ दशहरा मनाने के लिए पश्चिम बंगाल और सिक्किम की दो दिवसीय यात्रा पर है। सिंह के साथ सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे भी थे। अधिकारियों ने बताया कि 33वीं कोर के शीर्ष कमांडरों ने सिक्किम सेक्टर में एलएसी के पास स्थिति के साथ-साथ सैनिकों और हथियारों की तैनाती के बारे में भी रक्षा मंत्री और जनरल नरवणे को विस्तृत जानकारी दी।This time in Galwan, our 20 jawans of Bihar Regiment sacrificed themselves to protect our motherland...The nation and its boundaries are secure due to you: Defence Minister Rajnath Singh, at headquarters of XXXIII Corps, in Sukna, Darjeeling https://t.co/sQjQAQi4zi
— ANI (@ANI) October 24, 2020
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सेना के जवानों के एक समूह के साथ बातचीत में, रक्षा मंत्री ने विजयदशमी के अवसर पर उन्हें अपनी शुभकामनाएं दी और देश की सीमाओं को सुरक्षित रखने के लिए उनके समर्पण की सराहना की। उन्होंने कहा, ‘‘आप जैसे बहादुर सैनिकों के कारण, इस देश की सीमाएं सुरक्षित हैं। पूरे देश को आप पर गर्व है।’’ रक्षा मंत्री ने त्रिशक्ति वाहिनी के समृद्ध इतिहास के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा, ‘‘त्रिशक्ति कोर का एक महान स्वर्णिम इतिहास है। विशेष रूप से 1962, 1967, 1971 और 1975 में, इस कोर ने वीरता के उदाहरणों का प्रदर्शन किया। यह उत्कृष्ट रही है।’’
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