राजनाथ का दावा, कश्मीर पर फैसले के लिए मोदी सरकार-1 में ही कार्य शुरू हो गए थे
रक्षा मंत्री ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को समाप्त करने और जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के सरकार के फैसले से ‘‘भेदभाव’’ को समाप्त कर दिया है, जिसका सामना लोग 70 वर्षों से कर रहे रहे थे।
नयी दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करने वाले संवैधानिक प्रावधानों को हटाने के लिए जमीनी कार्य की शुरूआत पिछली सरकार के दौरान की गयी थी। इसके साथ ही उन्होंने जोर दिया कि सशस्त्र बल पश्चिमी मोर्चे पर किसी भी सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। एक थिंक-टैंक को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कश्मीर पर भारत के फैसले के बाद जम्मू कश्मीर में स्थिति को नहीं बिगड़ने देने के लिए सशस्त्र बलों की सराहना की।
Raksha Mantri Shri @rajnathsingh attended the 52nd Annual General Body Meeting of Institute for Defence Studies and Analyses (IDSA) in New Delhi today. @IDSAIndia pic.twitter.com/at3iZWeokl
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) August 8, 2019
सिंह ने कहा, ‘‘हमें सबसे बड़ी आशंका अपने पड़ोसी से है। आप अपने मित्र को बदल सकते हैं, लेकिन आपके पास अपना पड़ोसी चुनने का विकल्प नहीं होता है। मैं प्रार्थना कर रहा हूं कि किसी भी देश को ऐसा पड़ोसी नहीं हो, जैसा हमारा है।’’ रक्षा मंत्री ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को समाप्त करने और जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के सरकार के फैसले से ‘‘भेदभाव’’ को समाप्त कर दिया है, जिसका सामना लोग 70 वर्षों से कर रहे रहे थे।
इसे भी पढ़ें: अनुच्छेद 370 ने J&K को दिया आतंकवाद और भ्रष्टाचार, मोदी बोले- अब नए युग की होगी शुरुआत
उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान इस मुद्दे के स्थायी समाधान की दिशा में जमीनी पहल की गई थी। उन्होंने कहा, ‘‘फैसले का कुछ प्रभाव होगा।’’ उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश खुश नहीं है और वह शांति भंग करने की कोशिश करेगा। उन्होंने कहा कि हमारे सशस्त्र बलों ने सुरक्षा चुनौती स्वीकार कर ली है और किसी भी खतरे का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
अन्य न्यूज़