अयोध्या मामले में मुस्लिम पक्ष की तरफ से राजीव धवन ने अपनी दलील की पूरी
अभिनय आकाश । Sep 24 2019 1:28PM
राजीव धवन ने उसके बाद गोपाल सिंह विशारद की याचिका पर बहस करते हुए कहा कि 22-23 दिसंबर की रात को जिस तरह से मूर्ति को रखा गया वह हिन्दू नियम के अनुसार सही नहीं है। धवन ने कहा कि 40 गवाहों की गवाही को क्रॉस एक्जामिनेशन नहीं किया गया।
नई दिल्ली। अयोध्या भूमि विवाद मामले की सुप्रीम कोर्ट में 6 अगस्त से शुरू हुई रोजाना सुनवाई का आज 30वां दिन है। सुनवाई के दौरान वकील अपनी-अपनी दलीलें जजों की बेंच के सामने रख रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय संविधान पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। मुस्लिम पक्षकार के वकील राजीव धवन ने कहा कि मैं मानता हूं कि भारत में पूजा को लेकर कई मान्यताएं प्रचलन में हैं। कामाख्या मंदिर सहित देवी सती के अंग जहां गिरे, वहां मंदिर स्थापित हैं। इस पर न्यायमूर्ति बोबडे ने कहा कि ऐसा एक मंदिर पाकिस्तान में भी मौजूद है। धवन ने कहा किंतु अयोध्या में रेलिंग के पास जाकर पूजा किए जाने से उसे मंदिर नहीं माना जाना चाहिए।
राजीव धवन ने उसके बाद गोपाल सिंह विशारद की याचिका पर बहस करते हुए कहा कि 22-23 दिसंबर की रात को जिस तरह से मूर्ति को रखा गया वह हिन्दू नियम के अनुसार सही नहीं है। धवन ने कहा कि 40 गवाहों की गवाही को क्रॉस एक्जामिनेशन नहीं किया गया।
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