Rajasthan में अब महिला को निर्वस्त्र कर घुमाया गया, महिला विरोधी अपराधों में राजस्थान बना रहा है नित नये रिकॉर्ड
देखा जाये तो मणिपुर की महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाये जाने पर जिस तरह देश दुखी हुआ था आज वही दुख राजस्थान की महिला का हश्र देखकर हो रहा है। सवाल उठता है कि क्या अदालत इस घटना पर स्वतः संज्ञान लेगी?
राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ अपराध जिस तेजी के साथ बढ़ रहे हैं उससे प्रश्न उठता है कि महिला विरोधी अपराधों में देश में नंबर एक पर पहुँच चुका यह प्रदेश इस मामले में और कितना आगे जाना चाहता है? यहां सवाल यह भी उठता है कि आखिर महिलाओं के खिलाफ अपराध को रोक पाने में राजस्थान सरकार क्यों विफल हो रही है? यह काफी हैरत की बात है कि देश में सबसे शांत प्रदेश माने जाने वाले राजस्थान में कभी महिला या बच्ची को जिंदा जला दिया जाता है, कभी गैंगरेप हो जाता है तो कभी निर्वस्त्र घुमा कर वीडियो सोशल मीडिया पर डाल दिया जाता है लेकिन प्रशासन को खबर तब लगती है जब वीडियो वायरल हो जाता है।
देखा जाये तो मणिपुर की महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाये जाने पर जिस तरह देश दुखी हुआ था आज वही दुख राजस्थान की महिला का हश्र देखकर हो रहा है। सवाल उठता है कि क्या अदालत इस घटना पर स्वतः संज्ञान लेगी? सवाल यह भी उठता है कि क्या सभी राजनीतिक दल इस घटना के विरोध में राजस्थान के मुख्यमंत्री का उसी तरह इस्तीफा मांगेंगे जिस तरह मणिपुर के मुख्यमंत्री का इस्तीफा मांगा गया था। सवाल यह भी उठता है कि क्या राजस्थान सरकार के विरोध में विपक्षी दल उसी तरह हंगामा करेंगे या पीड़िता से मिल कर उसे ढाढस बंधाने जायेंगे जैसा मणिपुर के मामले में किया गया था?
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घटनाक्रम का विवरण और पुलिस का बयान
जहां तक इस घटना की बात है तो आपको बता दें कि प्रतापगढ़ जिले के एक गांव में 21 वर्षीय एक आदिवासी महिला को कथित तौर पर निर्वस्त्र कर घुमाए जाने के मामले में उसके पति सहित आठ लोगों को हिरासत में लिया गया है। पुलिस महानिदेशक उमेश मिश्रा ने एक बयान में कहा कि प्राथमिकी में छेड़छाड़, महिला की पिटाई और अन्य संबंधित धाराओं के तहत 10 लोगों को नामित किया गया है, जिनमें से मुख्य आरोपी समेत आठ को हिरासत में लिया गया है। उमेश मिश्रा के मुताबिक, पीड़िता ने अपने पति कान्हा गमेती के अलावा सूरज, बेनिया, नेतिया, नाथू और महेंद्र के खिलाफ जबरन मोटरसाइकिल पर ले जाने और गांव में निर्वस्त्र कर घुमाने का मामला दर्ज कराया है। बयान में गया है, “मुख्य आरोपी कान्हा, नेतिया, बेनिया, पिंटू और एक नाबालिग के अलावा अपराध के प्रत्यक्षदर्शी पुनिया, खेतिया और मोतीलाल को हिरासत में लिया गया है।”
पुलिस ने बताया कि भागने की कोशिश में कान्हा, नेतिया और बेनिया घायल हो गए और उनका इलाज प्रतापगढ़ जिला अस्पताल में किया जा रहा है। बयान के अनुसार, “बाकी आरोपियों की तलाश जारी है। इलाके में शांति और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया गया है।” उधर, धरियावद के थाना प्रभारी पेशावर खान ने कहा कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि महिला किसी अन्य पुरुष के साथ रिश्ते में थी। पुलिस ने बताया कि महिला के ससुराल वाले उसे अगवा कर अपने गांव ले गए, जहां बृहस्पतिवार को यह घटना घटी। उसने बताया कि पीड़िता के ससुराल वाले उससे नाराज थे, क्योंकि वह दूसरे पुरुष के साथ रह रही थी। पुलिस के अनुसार, आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छह टीमें गठित की गई हैं और प्रतापगढ़ के पुलिस अधीक्षक अमित कुमार गांव में डेरा डाले हुए हैं।
मुख्यमंत्री का बयान
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर पुलिस महानिदेशक उमेश मिश्रा ने एडीजी (अपराध) दिनेश एमएन को शुक्रवार रात प्रतापगढ़ भेजा। गहलोत ने घटना का संज्ञान लेते हुए सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “एक सभ्य समाज में ऐसी घटनाओं के लिए कोई जगह नहीं है। आरोपियों को जल्द गिरफ्तार कर उनके खिलाफ फास्ट ट्रैक अदालत में मुकदमा चलाया जाएगा।”
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
दूसरी ओर, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने आरोप लगाया कि एक गर्भवती महिला को निर्वस्त्र कर लोगों के सामने घुमाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था, लेकिन प्रशासन को इसकी जानकारी नहीं थी। उन्होंने लोगों से उक्त वीडियो साझा न करने की अपील करते हुए कहा कि इस घटना ने राजस्थान को शर्मसार किया है।
वहीं भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी इस घटना को लेकर राजस्थान सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में ‘शासन नाम की कोई चीज नहीं है’ और मुख्यमंत्री तथा उनके सहयोगी गुटबाजी और आपसी झगड़े में व्यस्त हैं। नड्डा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, “राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले का वीडियो चौंकाने वाला है। इससे भी बुरी बात यह है कि प्रदेश में शासन व्यवस्था पूरी तरह से नदारद है। मुख्यमंत्री और मंत्री गुटबाजी के झगड़ों को निपटाने में व्यस्त हैं और बचा हुआ समय दिल्ली में एक परिवार को खुश करने में बिता रहे हैं। इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि राज्य में महिला सुरक्षा के मुद्दे को पूरी तरह से नजरअंदाज किया जा रहा है।” उन्होंने लिखा, “(राजस्थान में) आए दिन महिलाओं के उत्पीड़न की कोई न कोई घटना सामने आती रहती है। प्रदेश की जनता राज्य सरकार को सबक सिखाएगी।”
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