प्रज्ञा ठाकुर को राहुल ने बताया था आतंकी, विवाद पर बोले- अपने बयान पर कायम हूं
प्रज्ञा ने बुधवार को लोकसभा में एसपीजी संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान उस वक्त विवादित टिप्पणी की थी जब द्रमुक सदस्य ए राजा बोल रहे थे। प्रज्ञा की टिप्पणी को सदन की कार्यवाही में शामिल नहीं किया गया था।
नयी दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि वह लोकसभा में विवादित बयान देने वाली भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर को ‘‘आतंकवादी’’ बताने वाली अपनी टिप्पणी पर कायम हैं। अपने खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव लाने की भाजपा की मांग के बारे में पूछे जाने पर गांधी ने कहा कि इससे उन्हें कोई समस्या नहीं है।
#WATCH Delhi: Congress MP Rahul Gandhi reacts to BJP MP Nishikant Dubey demanding to bring privilege motion against him for calling BJP MP Pragya Singh Thakur, a 'terrorist'. He says, "Do it. Do whatever you want to. I have clarified my position." pic.twitter.com/iNZiQk7ULl
— ANI (@ANI) November 29, 2019
राहुल ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘गोडसे भी हिंसा का प्रयोग करता था और यह (प्रज्ञा) भी हिंसा का प्रयोग करती हैं।’’यह पूछे जाने पर क्या वह प्रज्ञा को ‘आतंकवादी’ बताने वाली टिप्पणी पर कायम हैं तो गांधी ने कहा, ‘‘हां। जो मैंने ट्वीट पर लिखा है, उस पर कायम हूं।’’उन्होंने यह भी कहा, ‘‘ प्रज्ञा ने वही कहा है जिसमें वह विश्वास करती हैं।’’ गौरतलब है कि प्रज्ञा के लोकसभा में दिए गए विवादित बयान को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरूवार को ट्वीट किया था, ‘‘आतंकवादी प्रज्ञा ने आतंकवादी गोडसे को देशभक्त बताया। यह भारत के संसद के इतिहास का एक दुखद दिन है।’’
प्रज्ञा के बयान पर शुक्रवार को लोकसभा में हंगामे के दौरान भाजपा के निशिकांत दुबे ने कहा कि राहुल गांधी ने प्रज्ञा को ‘‘आतंकी’’ कहा था अत: कांग्रेस को भी इस मामले में माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कांग्रेस नेता के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाने की भी मांग की। उधर, भोपाल से सांसदप्रज्ञा ठाकुर ने बुधवार को लोकसभा में की गयी अपनी विवादित टिप्पणी के लिए शुक्रवार को सदन में माफी मांगी और कहा कि उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया था। गौरतलब है कि प्रज्ञा ने बुधवार को लोकसभा में एसपीजी संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान उस वक्त विवादित टिप्पणी की थी जब द्रमुक सदस्य ए राजा बोल रहे थे। प्रज्ञा की टिप्पणी को सदन की कार्यवाही में शामिल नहीं किया गया था।
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