Sambhal हिंसा मामले में कूदे Rahul Gandhi, BJP पर साधा निशाना, सुप्रीम कोर्ट से हस्तक्षेप की मांग
कांग्रेस नेता ने आगे लिखा कि प्रशासन द्वारा बिना सभी पक्षों को सुने और असंवेदनशीलता से की गई कार्रवाई ने माहौल और बिगाड़ दिया और कई लोगों की मृत्यु का कारण बना - जिसकी सीधी ज़िम्मेदार भाजपा सरकार है।
उत्तर प्रदेश के संभल में हिंसा के एक दिन बाद, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भाजपा पर निशाना साधा है। इसके साथ ही उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में जल्द से जल्द हस्तक्षेप करने का भी आग्रह किया। राहुल ने एक्स पर लिखा कि संभल, उत्तर प्रदेश में हालिया विवाद पर राज्य सरकार का पक्षपात और जल्दबाज़ी भरा रवैया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। हिंसा और फायरिंग में जिन्होंने अपनों को खोया है उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं।
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कांग्रेस नेता ने आगे लिखा कि प्रशासन द्वारा बिना सभी पक्षों को सुने और असंवेदनशीलता से की गई कार्रवाई ने माहौल और बिगाड़ दिया और कई लोगों की मृत्यु का कारण बना - जिसकी सीधी ज़िम्मेदार भाजपा सरकार है। उन्होंने कहा कि भाजपा का सत्ता का उपयोग हिंदू-मुसलमान समाजों के बीच दरार और भेदभाव पैदा करने के लिए करना न प्रदेश के हित में है, न देश के। मैं सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में जल्द से जल्द हस्तक्षेप कर न्याय करने का अनुरोध करता हूं।
उन्होंने आगे लिखा कि मेरी अपील है कि शांति और आपसी सौहार्द बनाए रखें। हम सबको एक साथ जुड़ कर यह सुनिश्चित करना है कि भारत सांप्रदायिकता और नफ़रत नहीं, एकता और संविधान के रास्ते पर आगे बढ़े। उत्तर प्रदेश के संभल की जामा मस्जिद में रविवार को सर्वेक्षण के दौरान हुई हिंसा में घायल एक और व्यक्ति की मौत हो गई जिससे हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर चार हो गयी है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। मुरादाबाद परिक्षेत्र के पुलिस उपमहानिरीक्षक मुनिराज जी. ने सोमवार को संवाददाताओं को बताया कि रविवार को हुई हिंसा में घायल होने के बाद मुरादाबाद में भर्ती कराये गये एक और व्यक्ति की मौत हो गयी है।
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उन्होंने बताया कि जल्द ही शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि हिंसा में मारे गये तीन युवक नईम, बिलाल और नोमान का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। पुलिस उपमहानिरीक्षक ने बताया कि घटना के वीडियो फुटेज के आधार पर उपद्रवियों की पहचान करके उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस बीच, एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि तनावपूर्ण हालात के मद्देनजर जिला प्रशासन ने आगामी 30 नवंबर तक जिले में ‘‘बाहरी’’ लोगों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी है। बयान में कहा गया कि अब किसी भी बाहरी व्यक्ति, सामाजिक संगठन या जनप्रतिनिधि को जिले में दाखिल होने के लिए प्रशासन से अनुमति लेनी होगी।
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