चुनावी मौसम में रविदास जयंती पर वाराणसी पहुंचे राहुल-प्रियंका, दर्शन के बाद परोसा लंगर
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाराणसी पहुंचे थे। दोनों ने वाराणसी में संत रविदास का दर्शन पूजन किया। दोनों ने लंगर सेवा की और पंगत में बैठकर खाना भी खाया। राहुल गांधी ने एक वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया।
देश के पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव हो रहे हैं। इन सबके बीच आज रविदास जयंती है। रविदास जयंती के अवसर पर अलग-अलग राजनीतिक दल के नेता उनके सानिध्य में जा रहे हैं। इसी कड़ी में आज कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाराणसी पहुंचे थे। दोनों ने वाराणसी में संत रविदास का दर्शन पूजन किया। दोनों ने लंगर सेवा की और पंगत में बैठकर खाना भी खाया। राहुल गांधी ने एक वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया। अपने ट्वीट में राहुल ने लिखा कि जाति-जाति में जाति हैं, जो केतन के पात, रैदास मनुष ना जुड़ सके, जब तक जाति न जात। संत गुरु रविदास को हमारा नमन।
इससे पहले प्रियंका ने भी अपने ट्वीट में लिखा कि हर साल की तरह इस साल भी संत शिरोमणि श्री गुरु रविदास जी महाराज की जन्म स्थली पर माथा टेकूंगी। आज भाई के साथ जाने पर और खुशी हो रही है। हालांकि ऐसा नहीं है कि सिर्फ राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ही संत रविदास का आशीर्वाद ले रहे हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी संत रविदास के दर्शन करने पहुंचे थे। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि प्रेम, एकता, सौहार्द और सामाजिक समरसता जैसे मानवीय मूल्यों एवं विचारों के आलोक से मानव समाज को दीप्त करने वाले संत शिरोमणि गुरु रविदास जी की जन्मस्थली 'सीर गोवर्धन' में आयोजित लंगर में प्रसाद ग्रहण करने का सौभाग्य मिला।उत्तर प्रदेश: रविदास जयंती के अवसर पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने वाराणसी के एक गुरुद्वारे में लंगर परोसा और बाद में लोगों के साथ बैठकर लंगर खाया। pic.twitter.com/n6eBSKuVFx
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 16, 2022
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संत रविदास जयंती के अवसर पर पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी भी सबसे पहले वाराणसी पहुंचे थे। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दिल्ली के संत श्री रविदास विश्राम धाम में जाकर पूजा अर्चना की। हालांकि नेताओं का रविदास जयंती के अवसर पर उनके मंदिर में जाना यूं ही नहीं है। दरअसल, पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव हो रहे हैं। इनमें उत्तर प्रदेश और पंजाब प्रमुख हैं। पंजाब और उत्तर प्रदेश में दलित मतदाता काफी मायने रखते हैं। पंजाब में तो दलित मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा 32 फ़ीसदी है। पंजाब के लोग संत रविदास को बहुत मानते हैं। यही कारण है कि नेता संत रविदास के मंदिर पहुंच रहे हैं।
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