राहुल की कम नहीं हो रही टेंशन, मानहानि मामले में मिला एक और नोटिस
इससे पहले अदालत ने कहा था कि राहुल के खिलाफ पहली नजर में भारतीय दंड संहिता की धारा 500 के तहत आपराधिक मानहानि का मामला बनता है।
अहमदाबाद। एक अदालत ने मंगलवार को यहां कांग्रेस के नेता राहुल गांधी को नया सम्मन जारी करके उन्हें एक स्थानीय भाजपा नेता द्वारा उनके खिलाफ दायर मानहानि मामले में नौ अगस्त को पेश होने का निर्देश दिया। राहुल पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह को ‘‘हत्या का आरोपी’’ कहा था। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट डी एस डाभी ने फिर से सम्मन जारी किया। इससे पहले एक मई को जारी सम्मन वापस आ गया था। यह सम्मन लोकसभा अध्यक्ष के जरिये भेजा गया था क्योंकि राहुल संसद सदस्य हैं। शिकायतकर्ता के वकील प्रकाश पटेल ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ने सम्मन यह कहते हुए वापस भेज दिया कि उनका इस मामले से कोई संबंध नहीं है।
Rahul Gandhi has been summoned by an Ahmedabad court, asking him to be present before it on August 9 in connection with a defamation case filed against him over his reported remark against Home Minister Amit Shah, in an election rally in April. (file pic) pic.twitter.com/8JUuXu3xph
— ANI (@ANI) July 9, 2019
राहुल से नौ अगस्त को पेश होने के लिए कहने वाले नये सम्मन को सीधे कांग्रेसी नेता के नयी दिल्ली स्थित आवास पर भेजा जाएगा। इससे पहले अदालत ने कहा था कि राहुल के खिलाफ पहली नजर में भारतीय दंड संहिता की धारा 500 के तहत आपराधिक मानहानि का मामला बनता है। स्थानीय भाजपा कारपोरेटर कृष्णवादन ब्रह्मभट्ट ने आरोप लगाया है कि राहुल ने 23 अप्रैल को जबलपुर में एक चुनावी रैली में आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं।ब्रह्मभट्ट ने कहा कि राहुल की टिप्पणी मानहानिपूर्ण है क्योंकि शाह को सोहराबुद्दीन शेख मुठभेड़ मामले में 2015 में सीबीआई अदालत बरी कर चुकी है। उन्होंने कहा कि न तो उच्च न्यायालय और ना ही उच्चतम न्यायालय ने शाह को बरी किये जाने को चुनौती वाली याचिका स्वीकार की थी।
इसे भी पढ़ें: मोदी ने भाजपा सांसदों से कहा, गांधी जयंती से पटेल जयंती तक करें 150 km की पदयात्रा
शिकायतकर्ता ने कहा कि शाह को बरी करने वाले सीबीआई अदालत के दो जनवरी 2015 के आदेश ने बहुत चर्चा बटोरी थी और इसके बारे में ‘‘कांग्रेस सहित सभी राजनीतिक दलों को’’ पूरी जानकारी है। एक रैली में राहुल की टिप्पणी के बाद, शाह ने उन पर पलटवार करते हुए कहा था कि वह इस मामले में बरी हो चुके हैं। उन्होंने राहुल की ‘‘कानूनी समझ’’ पर सवाल खड़े किये थे।साल 2015 में, एक विशेष अदालत ने सोहराबुद्दीन शेख और तुलसीराम प्रजापति मुठभेड़ मामलों में शाह को आरोप मुक्त करते हुए कहा था कि उनके खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है और उन्हें राजनीतिक कारणों से फंसाया गया है।
अन्य न्यूज़