खत्म हुआ इंतजार! 27 जुलाई तक भारत पहुंचेंगे राफेल विमान, अंबाला में होगी तैनाती
राफेल विमानों का दूसरा स्क्वाड्रन पश्चिम बंगाल में हासिमारा बेस पर तैनात किया जाएगा। वायुसेना ने इस संबंध में दोनों अड्डों पर बुनियादी ढांचों के विकास के लिए लगभग 400 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
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सैन्य अधिकारियों ने नाम नहीं छापने क अनुरोध के साथ कहा कि राफेल विमानों के आने से भारतीय वायुसेना की समग्र लड़ाकू क्षमता में काफी इजाफा होगा और यह भारत के विरोधियों के लिए एक स्पष्ट संदेश होगा। इस बारे में पूछे जाने पर भारतीय वायुसेना ने कोई टिप्पणी नहीं की। विमानों का पहला स्क्वाड्रन वायुसेना के अंबाला स्टेशन पर तैनात किया जाएगा जिसे भारतीय वायुसेना के लिए सामरिक रूप से महत्वपूर्ण ठिकानों में से एक माना जाता है। भारत ने सितंबर 2016 में फ्रांस के साथ लगभग 58,000 करोड़ रुपये की लागत से 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए अंतर-सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। यह विमान कई शक्तिशाली हथियारों को ले जाने में सक्षम है। इसमें यूरोपीय मिसाइल निर्माता एमबीडीए का मेटॉर मिसाइल शामिल है।
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राफेल विमानों का दूसरा स्क्वाड्रन पश्चिम बंगाल में हासिमारा बेस पर तैनात किया जाएगा। वायुसेना ने इस संबंध में दोनों अड्डों पर बुनियादी ढांचों के विकास के लिए लगभग 400 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। इन 36 राफेल विमानों में 30 युद्धक विमान होंगे जबकि छह प्रशिक्षण विमान होंगे। उल्लेखनीय है कि विमान की कीमतों और कथित भ्रष्टाचार आदि को लेकर कांग्रेस ने इस समझौते पर सवाल उठाए थे, लेकिन सरकार ने उन आरोपों को खारिज कर दिया था।
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