राफेल मामला: क्लीनचिट मिलने के बाद शाह बोले, वोट के लिए लोगों को किया गया गुमराह
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि लड़ाकू विमानों की जरूरत है और देश इन विमानों के बगैर नहीं रह सकता है।
फ्रांस से 36 लड़ाकू विमान की खरीद मामले में भ्रष्टाचार के आरोपों पर क्लीनचिट मिलने के बाद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि राफेल सौदे के संबध में आये सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का हम स्वागत करते हैं। आज सत्य की जीत हुई है। साह ने कहा कि देश की आज़ादी के बाद से एक कोरे झूठ के आधार पर देश की जनता को गुमराह करने का इससे बड़ा प्रयास कभी नहीं हुआ और ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि यह प्रयास देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के अध्यक्ष के द्वारा किया गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने और अपनी पार्टी के तत्काल फायदे के लिए झूठ का सहारा लेकर चलने की एक नई राजनीति की शुरुआत की और सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने आज सिद्ध कर दिया है कि झूठ के पैर नहीं होते और अंत में जीत सत्य की ही होती है।
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अमित शाह ने कहा कि राहुल गांधी को देश के लोगों और सैनिकों से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी एक काल्पनिक जगत बनाकर बैठी हुई है जिसमें सच और न्याय की कोई जगह नहीं है। सवाल भी कांग्रेस पार्टी खड़े करती है, वकील भी वही हैं और न्यायाधीश भी वहीं है। आज कांग्रेस पार्टी देश के सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर सवाल खड़ा कर रही है। शाह ने कहा कि राफेल मुद्दे पर संसद में चर्चा के लिए हम तैयार है और मैं कांग्रेस पार्टी को चुनौती देता हूँ की वो मुद्दे के आधार पर सदन में जितने समय तक चर्चा करना चाहते हैं करें।
राफेल मुद्दे पर संसद में चर्चा के लिए हम तैयार है और मैं कांग्रेस पार्टी को चुनौती देता हूँ की वो मुद्दे के आधार पर सदन में जितने समय तक चर्चा करना चाहते हैं करें : श्री अमित शाह #SCNailsRaGaLies pic.twitter.com/dwFIqF9CIo
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राहुल गांधी देश की जनता को जवाब दें कि वह किस आधार पर देश की जनता को गुमराह कर रहे थे? उनके आरोपों के बारे में जानकारी का स्रोत कौन था? भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस पार्टी और उसके अध्यक्ष हर नुक्कड़ और चौराहे पर आरोप लगा रहे थे, लेकिन शीर्ष अदालत के फैसले से दूध का दूध, पानी का पानी हो गया तथा कांग्रेस अध्यक्ष गांधी के सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार अभियान का पर्दाफाश हो गया है। उन्होंने सवाल किया कि जब कांग्रेस पार्टी के शासन के समय में साल 2007 में सौदे का खाका तैयार हुआ तब इसे 2007 से 2014 तक अंतिम रूप क्यों नहीं दिया गया । क्या इसमें किसी तरह के कमीशन की बात थी?
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सियासी लाभ के लिए, राफ़ेल डील के मामले में कांग्रेस अध्यक्ष और कांग्रेस पार्टी ने देश को गुमराह करने की कोशिश की। अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर देश की छवि भी ख़राब करने की कोशिश की। यह एक अपराध है। संसद में आकर कांग्रेस अध्यक्ष देश से क्षमा माँगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकारों पर भ्रष्टाचार के गम्भीर आरोप रहे हैं। इसलिए इन्होंने सोचा कि हम तो डूबे हैं सनम, तुमको भी ले डूबेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने सारी PIL ख़ारिज करते हुए कहा है कि डील में सन्देह की कोई गुंजाईश नहीं है।
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बता दे कि प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि लड़ाकू विमानों की जरूरत है और देश इन विमानों के बगैर नहीं रह सकता है। शीर्ष अदालत ने कहा कि कीमतों के तुलनात्मक विवरण पर फैसला लेना अदालत का काम नहीं है। खरीदी, कीमत और ऑफसेट साझेदार के मामले में हस्तक्षेप के लिए उसके पास कोई ठोस साक्ष्य नहीं है।
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