Bengal हिंसा केस में न्यायपालिका पर उठाया सवाल तो CBI पर भड़क गया सुप्रीम कोर्ट, अवमानना कार्रवाई की दे दी चेतावनी
पीठ ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्रीय एजेंसी ने पश्चिम बंगाल की अदालतों पर संदेह व्यक्त करना चुना है। पीठ ने आदेश में कहा कि पश्चिम बंगाल में सामान्य रूप से सभी अदालतों के खिलाफ निंदनीय आरोप लगाए गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव के बाद हुई हिंसा के मामलों को पश्चिम बंगाल से दूसरे राज्य में स्थानांतरित करने के लिए याचिका दायर करने पर सीबीआई की की याचिका पर जमकर सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीबीआई पूरी न्यायपालिका पर संदेह नहीं कर सकती। इससे यह संदेह पैदा होता है कि पूरी न्यायपालिका शत्रुतापूर्ण माहौल में है। की कोई मंशा नहीं है। सुप्रीम कोर्ट की कड़ी आलोचना के बाद सीबीआई ने स्थानांतरण याचिका वापस लेने का फैसला किया।
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पीठ ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्रीय एजेंसी ने पश्चिम बंगाल की अदालतों पर संदेह व्यक्त करना चुना है। पीठ ने आदेश में कहा कि पश्चिम बंगाल में सामान्य रूप से सभी अदालतों के खिलाफ निंदनीय आरोप लगाए गए हैं। बार-बार कहा गया है कि अदालतों में शत्रुतापूर्ण माहौल व्याप्त है। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्रीय एजेंसी ने पश्चिम बंगाल की अदालतों पर संदेह व्यक्त करना चुना है। पीठ ने कहा कि ये स्पष्ट करना चाहते हैं कि प्रस्तावित स्थानांतरण पर सभी आपत्तियाँ स्पष्ट रूप से खुली रखी गई हैं।
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पिछले साल दिसंबर में ट्रांसफर याचिका दायर की गई थी, जिसमें गवाहों को डराने-धमकाने और न्याय प्रक्रिया को खतरे की कथित चिंताओं के कारण मामलों को पश्चिम बंगाल से बाहर स्थानांतरित करने की मांग की गई थी। अदालत ने इस साल फरवरी में याचिका पर नोटिस जारी किया था।
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