पुडुचेरी के मुख्यमंत्री ने धरना किया खत्म, बेदी ने जतायी खुशी
नारायणसामी पिछले छह दिन से राज निवास के बाहर धरने पर बैठे थे। नारायणसामी के अनुसार, उनकी योजनाओं और प्रशासनिक आदेशों को बेदी से मंजूरी नहीं मिलने के विरोध में वह धरने पर बैठे थे।
पुडुचेरी। पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने राज्य की उप राज्यपाल किरण बेदी के साथ अपने मुद्दों पर चर्चा के बाद अपना ‘धरना’ खत्म कर दिया, जिस पर उपराज्यपाल ने मंगलवार को खुशी जतायी। वृद्धों एवं विधवा पेंशन योजनाओं के तहत सहायता राशि बढ़ाने सहित कई मांगों को लेकर मुख्यमंत्री धरने पर बैठे थे। पूर्व आईपीएस अधिकारी बेदी ने नारायणसामी और उनके मंत्रिमंडल सहयोगियों से सोमवार को मुलाकात की और कहा, ‘‘इस बैठक ने मुद्दों पर स्पष्टीकरण और उन्हें समेकित करने में मदद की।’’उन्होंने मीडिया को भेजे व्हाट्सऐप संदेश में कहा, ‘‘मैं खुश हूं कि पुडुचेरी सरकार काम पर लौट आयी है और इसलिए अब उनके कार्यालय आकर उनसे मिलने वाले आगंतुकों के लिये राज निवास की ओर आने वाली सड़क खुल जायेगी।
Briefing after the meeting with Lt.Governor regarding the 36 issues which the entire cabinet and MLAs fighting for the welfare of Pucherry People past 6 days in Dharna https://t.co/Sn8rzZQ4jF
— V.Narayanasamy (@VNarayanasami) February 18, 2019
नारायणसामी पिछले छह दिन से राज निवास के बाहर धरने पर बैठे थे। नारायणसामी के अनुसार, उनकी योजनाओं और प्रशासनिक आदेशों को बेदी से मंजूरी नहीं मिलने के विरोध में वह धरने पर बैठे थे। उन्होंने सात फरवरी को बेदी को पत्र लिखकर अपनी मांगों एवं मुद्दों का जिक्र किया था। दोनों पक्षों के बीच के मुद्दों को सुलझाने के लिये सोमवार की बैठक करीब साढ़े चार घंटे चली। बैठक के बाद उपराज्यपाल के आवास के बाहर नारायणसामी ने पत्रकारों को बताया कि उनका प्रदर्शन अब खत्म हो गया है। उन्होंने कहा इसके साथ ही 20 और 21 फरवरी को प्रस्तावित ‘जेल भरो’ और ‘अनशन’ कार्यक्रम भी रद्द कर दिया गया है।
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मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘विभिन्न मुद्दों पर किरण बेदी के साथ अपने अभिवेदन में हमें आंशिक सफलता मिली है।’’ पड़ोसी देश तमिलनाडु से द्रमुक नेता एम के स्टालिन और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत कई नेता नारायणसामी के प्रदर्शन स्थल पर उनसे मिलने पहुंचे थे। प्रदर्शन के दौरान राज निवास की ओर आने वाली सड़क की घेराबंदी कर दी गयी थी और लोहे के अवरोधक लगाये गये थे।
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