वर्तमान में संस्कृत साहित्य को पढ़ने और इसके व्यापक प्रचार की आवश्यकता

Bilaspur

गुरू नानक विश्वविद्यालय के पूर्व विभागाध्यक्ष डाॅ0 लेख राम शर्मा ने कहा कि संस्कृत ही एक ऐसी भाषा है जिसने मानव विकास को व्यापक दृष्टिकोण दिया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में संस्कृत साहित्य को पढ़ने और इसके व्यापक प्रचार की आवश्यकता है

बिलासपुर भाषा एवं संस्कृति विभाग हिमाचल प्रदेश द्वारा श्रावण पूर्णिमा के पावन अवसर पर राज्य स्तरीय संस्कृत दिवस समारोह का आयोजन आज बिलासपुर में भाषा विभाग के संस्कृति भवन के सभागार में किया गया जिसकी अध्यक्षता प्रख्यात संस्कृतज्ञ डाॅ0 लेख राम शर्मा ने की। इस अवसर पर प्रथम सत्र में कवि सम्मेलन और दूसरे सत्र में लेखक गोष्ठी का आयोजन किया गया।

 

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संस्कृत एवं साहित्य पर शिरोमणि अवार्ड प्राप्त एवं गुरू नानक विश्वविद्यालय के पूर्व विभागाध्यक्ष डाॅ0 लेख राम शर्मा ने कहा कि संस्कृत ही एक ऐसी भाषा है जिसने मानव विकास को व्यापक दृष्टिकोण दिया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में संस्कृत साहित्य को पढ़ने और इसके व्यापक प्रचार की आवश्यकता है ताकि इसमें छुपे मानवीय मूल्यों को आम जन मानस तक पंहुचाया जा सके।

उन्होंने अध्यापकों से आहवान किया कि वे छात्रों को चरित्र निर्माण के साथ आचरण का पाठ पढ़ाते हुए उनका सर्वागिंण विकास करें। उन्होंने इस मौके पर कवि कालिदास तथा वेदों और पुराणों के अनेकों संस्मरण सांझा करते हुए जन मानस को समाज में फैली कुरीतियों को दूर करने के लिए जागरूकता का संदेश दिया। 

इस अवसर पर भाषा एवं संस्कृति विभाग के निदेशक डाॅ0 पंकज ललित ने राज्य स्तरीय समारोह में आए सभी कवियों व संस्कृतज्ञों का स्वागत करते हुए कहा कि श्रावण पूर्णिमा के अवसर पर हर वर्ष राज्य स्तरीय संस्कृत दिवस का आयोजन विभाग द्वारा किया जाता है। उन्होंने कहा कि संस्कृत सबसे प्राचीनतम भाषा है और इसी भाषा में अनेक वेदों व पुराणों की रचना की गई है। यह सभी भाषाओं की जननी है और यही संस्कारों की भी भाषा है।

उन्होंने कहा कि यह चिंतन का विषय है कि आज युवा पीढ़ी अंग्रजी व पाश्चात्य संस्कृति के रंग में रंगती जा रही है जबकि संस्कृत में ज्ञान व दर्शन का भंण्डार होने के बावजूद भी इसे वह सम्मान नहीं मिल पाया है। परन्तु अब प्रदेश सरकार द्वारा नई शिक्षा नीति लागू करते हुए इस भाषा को अधिमान दिया जा रहा है और इसे जन जन तक पंहुचाने के लिए हम सबको भी सामूहिक दायित्व के साथ प्रयास किय जाने चाहिए।

 इस मौके पर डाॅ0 लेख राम शर्मा द्वारा गोष्ठी में ‘‘वर्तमान परिपे्रक्ष्ये संस्कृत भाषायाः महत्वम्’’ विषय पर शोध पत्र पढ़ा गया जिस पर केश्वानंद कौशल, मनोज शैल, जगत प्रकाश शास्त्री, डाॅ0 मस्त राम शर्मा, डाॅ मनोज और डाॅ0 विपिन ने चर्चा में भाग लिया। 

 राज्य स्तरीय समारोह में डाॅ0 जगदीश, डाॅ0 ओम कुमार शर्मा, डाॅ0 मदन मोहन, डाॅ0 संदीप कुमार, लायक राम शास्त्री, केवल कुमार, जगत राम शास्त्री, रिपन शर्मा पुरूषोत्तम, हीरा सिंह, सुमन गौतम, मस्त राम, श्याम लाल, जगत प्रकाश इत्यादि विभिन्न जिलों से आए कवियों द्वारा संस्कृत में कविता पाठ किया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता केश्वानंद कौशल द्वारा की गई। मंच का संचालन मनोज शैल ने किया।   इस अवसर पर संस्कृत विद्यालय नयना देवी जी व डंगार के छात्रों ने सरस्वती वंदना, समूहगान व गीत प्रस्तुत किए। समारोह में भाषा एवं संस्कृति विभाग के अतिरिक्त निदेशक डाॅ0 सुरेश जस्वाल, निदेशालय व बिलासपुर के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।

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