भवानीपुर उपचुनाव में ममता को टक्कर देंगी प्रियंका, बंगाल में पार्टी का खाता खुलवाने को लेकर क्यों नहीं है कांग्रेस गंभीर
भवानीपुर विधानसभा सीट पर 30 सितंबर को उपचुनाव होगा जहां से ममता बनर्जी की चुनाव लड़ने की योजना है। ममता आज भवानीपुर से अपना नामांकन दाखिल करने वाली है। एक बार ममता को हरा चुकी बीजेपी भवानीपुर सीट से ममता बनर्जी को किसी भी तरह से वॉक ओवर देने के मूड में नजर नहीं आ रही है।
निर्वाचन आयोग ने 4 सितंबर को उपचुनाव की तारीख की घोषणा की। जिसमें पश्चिम बंगाल की तीन विधानसभा सीटों और ओडिशा की एक विधानसभा सीट पर भी 30 सितंबर को मतदान होगा। बंगाल की भवानीपुर विधानसभा सीट पर 30 सितंबर को उपचुनाव होगा जहां से राज्य की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस नेता ममता बनर्जी की चुनाव लड़ने की योजना है। ममता बनर्जी आज भवानीपुर से अपना नामांकन दाखिल करने वाली है। एक बार ममता को हरा चुकी बीजेपी भवानीपुर सीट से ममता बनर्जी को किसी भी तरह से वॉक ओवर देने के मूड में नजर नहीं आ रही है। विधानसभा उपचुनाव में भवानीपुर से टीएमसी की तरफ से ममता बनर्जी ही चुनावी मैदान में होगीं वहीं बीजेपी ने यहां से चुनावी अखाड़े में एडवोकेट प्रियंका टिबरेवाल को अपना उम्मीदवार बनाया है। प्रियंका बीजेपी के बाबुल सुप्रियो की कानूनी सलाहकार रह चुकी हैं। वहीं उनको इस सीट से चुनौती दे रही प्रियंका भले ही राष्ट्रीय स्तर पर कम चर्चित हों, लेकिन पश्चिम बंगाल में वह जाना-पहचाना नाम हैं। आइए आपको ममता को भवानीपुर से टक्कर देने वाली प्रियंका टिबरेवाल के बारे में बताते हैं।
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2014 में ज्वाइन किया बीजेपी
दिल्ली विश्वविद्यालय से अंग्रेजी ऑनर्स में स्नातक और उसके बाद कलकत्ता विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई के साथ, प्रियंका टिबरेवाल ने कलकत्ता उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय में वकील के रूप में अपनी यात्रा शुरू की। उन्होंने थाइलैंड के असेम्प्शन यूनिवर्सिटी से मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन भी किया है। बाबुल सुप्रियो के कहने पर साल 2014 में प्रियंका टिबरेवाल ने बीजेपी ज्वाइन किया था। साल 2015 में प्रियंका ने बीजेपी उम्मीदवार के रूप में वार्ड संख्या 58 एंटल्ली से कोलकाता नगर परिषद का चुनाव लड़ा था। लेकिन उन्हें टीएमसी उम्मीदवार के हाथों पराजय मिली।
चुनाव बाद हिंसा मामले को लेकर गई थीं हाई कोर्ट
प्रियंका टिबरेवाल को अभी बीजेपी में शामिल हुए अभी छह साल का समय हुआ है लेकिन इतने कम समय में ही उन्होंने कई महत्वपूर्ण मोर्चे पर काम संभाला है। पेशे से वकील प्रियंका टिबरेवाल चुनाव के बाद हुई हिंसा मामले को लेकर वह लगातार सवाल उठाती रही हैं। उन्होंने ही चुनाव के बाद हुई हिंसा का मामला कलकत्ता हाई कोर्ट में दायर किया था। पोस्ट पोल वायलेंस में लगातार प्रियंका पार्टी की तरफ से कानूनी लड़ाई लड़ती रही। अगस्त 2020 में उन्हें भारतीय जनता युवा मोर्चा का उपाध्यक्ष बनाया गया था। इस साल उन्होंने एंटल्ली से विधानसभा चुनाव भी लड़ा था। हालांकि उन्हें इस चुनाव में टीएमसी के स्वर्णकमल साहा से 51 हजार के करीब वोट से हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन अब उनका मुकाबला सीधे सीएम से होगा।
ममता पर रहती हैं हमलावर
प्रियंका ममता बनर्जी पर लगातार हमलावर रहती हैं। विधानसभा चुनाव के दौरान उनका एक बयान खूब सुर्खियों में रहा था जब उन्होंने ममता के दो सीटों पर चुनाव लड़ने की खबर को लेकर कहा था कि पहले ममता बनर्जी ने सोचा था कि वह दो सीटों से विधानसभा चुनाव लड़ेगीं, लेकिन जब बीजेपी ने यह कहा कि वह डर गई हैं तो यह सुनकर ममता दीदी ने सिर्फ नंदीग्राम सीट से चुनाव लड़ने का फैसला किया। यह योद्धाओं के लक्षण नहीं होते। योद्धा रणभूमि से अपनी जगह छोड़कर भागते नहीं. अगर इतनी ही सहनशक्ति और अपने आप पर भरोसा होता तो ममता बनर्जी को भवानीपुर से लड़कर दिखाना चाहिए था।
कांग्रेस ने उपचुनाव से किया किनारा
बंगाल के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का खाताभी नहीं खुले था। लेकिन इसके बावजूद बंगाल के उपचुनाव में कांग्रेस ने ममता के खिलाफ कोई उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया है। ममता दीदी के खिलाफ अपना उम्मीदवार उतारने का वादा करने के एक दिन बाद कांग्रेस ने यू-टर्न ले लिया और कहा कि पार्टी तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो के खिलाफ किसी को खड़ा नहीं करेगी।
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