प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने 'बिना टीसी दाखिले' के आदेश का किया विरोध, स्कूल शिक्षा मंत्री को लिखा पत्र
मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (एमपीबीएसई) से संबद्ध निजी स्कूलों के मालिक सदस्य हैं ने राज्य के स्कूली शिक्षा मंत्री को एक पत्र लिखा है और हाल के आदेश को वापस लेने की मांग की है। एसोसिएशन ने आरटीई एक्ट के तहत बिना टीसी के प्रवेश देने के विभाग के आदेश का हवाला देते हुए इसे असंवैधानिक करार दिया।
भोपाल। मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने राज्य स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश पर आपत्ति जताई। जिसमें छात्रों को उनके पिछले स्कूलों से स्थानांतरण प्रमाण पत्र प्राप्त किए बिना दूसरे स्कूल में प्रवेश लेने की अनुमति दी गई थी।
एसोसिएशन जिसमें मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (एमपीबीएसई) से संबद्ध निजी स्कूलों के मालिक सदस्य हैं ने राज्य के स्कूली शिक्षा मंत्री को एक पत्र लिखा है और हाल के आदेश को वापस लेने की मांग की है। एसोसिएशन ने आरटीई एक्ट के तहत बिना टीसी के प्रवेश देने के विभाग के आदेश का हवाला देते हुए इसे असंवैधानिक करार दिया।
दरअसल आदेश में कहा गया है कि आरटीई के नियम के तहत अब कोई भी स्कूल बिना टीसी के प्रवेश ले सकता है। एसोसिएशन इस असंवैधानिक आदेश का विरोध करती है। हम आपके ध्यान में लाना चाहते हैं कि आरटीई अधिनियम-2009 में कहीं भी यह नहीं लिखा है कि छात्र अपने वर्तमान स्कूल से स्थानांतरण प्रमाण पत्र प्राप्त किए बिना दूसरे स्कूल में प्रवेश ले सकता है।
एसोसिएशन ने पत्र के साथ आरटीई अधिनियम-2009 के नियमों की एक प्रति भी संलग्न की है। पत्र में लिखा है, 'मध्य प्रदेश शिक्षा संहिता और गाइडलाइन्स 2020 में ट्रांसफर सर्टिफिकेट के विषय में स्पष्ट लिखा है, अगर अभिभावक पूरी फीस नहीं भरेगा तो उसे टीसी नहीं दी जाएगी।
एसोसिएशन ने अपने पत्र में आगे दावा किया कि शिक्षा संहिता का बिंदु संख्या 54 (2) कहता है कि जब तक छात्र पिछले स्कूल की बकाया फीस का भुगतान नहीं करता है, तब तक वह अन्य स्कूलों में प्रवेश नहीं ले सकता है।
एसोसिएशन ने पत्र में उल्लेख किया है नियमों के अनुसार, यदि कोई स्कूल बिना टीसी के प्रवेश देता है, तो जिला शिक्षा अधिकारी इसकी जांच कर सकते हैं और उसके अनुसार कार्रवाई कर सकते हैं।
अन्य न्यूज़