किसान बिल को प्रधानमंत्री ने 21वीं सदी के भारत की जरूरत बताया, जानें PM मोदी के संबोधन की बड़ी बातें
पीएम मोदी ने कहा कि कृषि मंडियों के कार्यालयों को ठीक करने के लिए, वहां का कंप्यूटराइजेशन कराने के लिए, पिछले 5-6 साल से देश में बहुत बड़ा अभियान चल रहा है। इसलिए जो ये कहता है कि नए कृषि सुधारों के बाद कृषि मंडियां समाप्त हो जाएंगी, तो वो किसानों से सरासर झूठ बोल रहा है।
विपक्ष के भारी हंगामे के बीच कृषि विधेयक रविवार को राज्य सभा में पास हो गया। सदन में बिल पर चर्चा के दौरान जोरदार हंगामा हुआ। प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर बीते दिनों भी एमएसपी को लेकर किसानों को आश्वस्त किया था। आज भी जब बिहार में 9 परियोजनाओं का शिलान्यास करने की खबरों के बीच कयास लगाए जा रहे थे कि पीएम किसान बिल पर कुछ बोल सकते हैं। पीएम मोदी ने कृषि क्षेत्र में बदलाव की चर्चा करते हुए कहा कि कल देश की संसद ने, देश के किसानों को नए अधिकार देने वाले बहुत ही ऐतिहासिक कानूनों को पारित किया है। मैं देश के लोगों को, देश के किसानों, देश के उज्ज्वल भविष्य के आशावान लोगों को भी इसके लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं। ये सुधार 21वीं सदी के भारत की जरूरत हैं।हमारे देश में अब तक उपज बिक्री की जो व्यवस्था चली आ रही थी, जो कानून थे, उसने किसानों के हाथ-पांव बांधे हुए थे। इन कानूनों की आड़ में देश में ऐसे ताकतवर गिरोह पैदा हो गए थे, जो किसानों की मजबूरी का फायदा उठा रहे थे। आखिर ये कब तक चलता रहता।
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विपक्ष पर निशाना
पीएम मोदी ने कहा कि कृषि मंडियों के कार्यालयों को ठीक करने के लिए, वहां का कंप्यूटराइजेशन कराने के लिए, पिछले 5-6 साल से देश में बहुत बड़ा अभियान चल रहा है। इसलिए जो ये कहता है कि नए कृषि सुधारों के बाद कृषि मंडियां समाप्त हो जाएंगी, तो वो किसानों से सरासर झूठ बोल रहा है। विपक्षी दल बिचौलियों के लिए खड़े हैं। एमएसपी को लेकर भी पीएम ने कहा कि विपक्ष इसको लेकर गुमराह कर रहा है। सरकारी खरीद पहले की तरह जारी रहेगी।
पीएम मोदी की बड़ी बातें
- बिल से किसानों को नई आजादी मिली।
- किसानों के फायदे के लिए बिल पास।
- आज किसान अपनी शर्तों पर उपज बेच सकता है।
- अपनी क्षेत्र की मंडी के अलावा किसानों को और विकल्प मिले।
- ये बिल किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारेगा।
- पहले के नियम से किसानों के हाथ बंधे थे।
- जून-जुलाई में आलू की उपज से किसानों को फायदा हुआ।
- विपक्षी दल बिचौलियों के लिए खड़े हैं।
- ये बदलाव कृषि मंडियों के खिलाफ नहीं हैं।
- एमएसपी की व्यवस्था पहले की तरह चली रहेगी।
नए कृषि सुधारों ने देश के हर किसान को ये आजादी दे दी है कि वो किसी को भी, कहीं पर भी अपनी फसल अपनी शर्तों बेच सकता है अब उसे अगर मंडी में ज्यादा लाभ मिलेगा, तो वहां अपनी फसल बेचेगा। मंडी के अलावा कहीं और से ज्यादा लाभ मिल रहा होगा, तो वहां बेचने पर भी मनाही नहीं होगी: पीएम pic.twitter.com/eVxNrmKkfk
— BJP LIVE (@BJPLive) September 21, 2020
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