प्रधानमंत्री ने स्कूली बच्चों के लिये ‘चंद्रयान 2’ से जुड़ी क्विज प्रतियोगिता की घोषणा की
मोदी ने कहा कि ‘मन की बात’ के माध्यम से वह देश के विद्यार्थी दोस्तों के साथ, युवा साथियों के साथ एक बहुत ही दिलचस्प प्रतियोगिता के बारे में जानकारी साझा करना चाहते हैं और देश के युवक-युवतियों को इसके लिये निमंत्रित करते हैं।
नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘चंद्रयान 2’ मिशन के सफल प्रक्षेपण का जिक्र करते हुए रविवार को स्कूली बच्चों के लिए एक क्विज प्रतियोगिता की घोषणा की जिसमें सर्वाधिक स्कोर करने वाले बच्चों को 7 सितंबर को श्रीहरिकोटा में ‘चंद्रयान 2’ की लैंडिंग के क्षण का साक्षी बनने का मौका मिलेगा। आकाशवाणी पर प्रसारित ‘मन की बात’ कार्यक्रम में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने ‘जल संरक्षण’, ‘मास्को वर्ल्ड चिल्ड्रेन विनर्स गेम्स’ में भारतीय खिलाड़ियों के अच्छे प्रदर्शन और पुस्तक पढ़ने जैसे विषयों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि ‘चंद्रयान 2 मिशन’ ने एक बार फिर यह साबित किया है कि जब बात नए क्षेत्र में कुछ नया कर गुजरने की हो, नवोन्मेषी लगन की हो, तो हमारे वैज्ञानिक सर्वश्रेष्ठ हैं, विश्व-स्तरीय हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें याद रखना चाहिए कि जीवन में भी मुश्किलों को पार करने का सामर्थ्य हमारे भीतर ही है।
PM Modi: #Chandrayaan2 is Indian to the core. It is purely Indian in heart & spirit. It is a totally swadeshi and home grown mission. We are now eagerly waiting for September, when Lander Vikram & Rover Pragyan will land on lunar surface https://t.co/Z4IkAtvwgF
— ANI (@ANI) July 28, 2019
मोदी ने कहा कि ‘मन की बात’ के माध्यम से वह देश के विद्यार्थी दोस्तों के साथ, युवा साथियों के साथ एक बहुत ही दिलचस्प प्रतियोगिता के बारे में जानकारी साझा करना चाहते हैं और देश के युवक-युवतियों को इसके लिये निमंत्रित करते हैं। मोदी ने कहा, ‘‘मैं स्कूलों से, अभिभावकों से, उत्साही आचार्यों और शिक्षकों से, विशेष आग्रह करता हूँ कि वे अपने स्कूल को विजयी बनाने के लिए भरसक मेहनत करें । ईनाम के रूप में सर्वाधिक स्कोर करने वाले बच्चों को 7 सितंबर को श्रीहरिकोटा में ‘चंद्रयान 2’ की लैंडिंग के क्षण का साक्षी बनने का मौका मिलेगा। इसके लिए, आपको क्विज प्रतियोगिता में हिस्सा लेना होगा, सबसे ज्यादा अंक प्राप्त करने होंगे, आपको विजयी होना होगा।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे लिए बहुत जरुरी है कि कचरे से संसाधन (वेस्ट टू वेल्थ) बनाने का कल्चर हमारे समाज में विकसित हो। एक तरह से कहें, तो हमें कचरे से कंचन बनाने की दिशा में आगे बढ़ना है। उन्होंने ‘गांव की ओर लौट चलो’ कार्यक्रम का भी उल्लेख किया और कहा कि इसके बारे में पूरे देश को जानकारी होनी चाहिए। कश्मीर के लोग विकास की मुख्यधारा से जुड़ने को कितने बेताब हैं, कितने उत्साही हैं, यह इस कार्यक्रम से पता चलता है।
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मोदी ने कहा कि ये साफ है कि जो लोग विकास की राह में नफरत फैलाना चाहते हैं, अवरोध पैदा करना चाहते हैं, वो कभी अपने नापाक इरादों में कामयाब नहीं हो सकते। प्रधानमंत्री ने पुस्तक पढ़ने के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, ‘‘क्यों ना हम ‘नरेन्द्र मोदी एप’ पर एक स्थायी पुस्तक कार्नर बना दें और जब भी नई किताब पढ़ें, उसके बारे में वहाँ लिखें, चर्चा करें। आप हमारे इस पुस्तक कार्नर के लिए, कोई अच्छा सा नाम भी सुझा कर सकते हैं। उन्होंने स्वच्छता एवं जल संरक्षण के महत्व को भी रेखांकित किया । उन्होंने कहा कि त्योहारों के अवसर पर कई मेले लगते हैं। जल संरक्षण पर जागरूकता फैलाने के लिए इन मेलों का भी उपयोग करें। इस संदर्भ में उन्होंने मेघालय की जल-नीति का जिक्र किया और राज्य सरकार को बधाई दी। उन्होंने हरियाणा में उन फसलों की खेती को बढ़ावा देने की पहल का भी जिक्र किया जिनमें कम पानी की जरुरत होती है और किसान का भी कोई नुकसान नहीं होता है।
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