मोदी और शाह के दबाव में महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाया गया: दिग्विजय सिंह
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि यह समय सीमा मंगलवार रात 8:30 बजे खत्म होनी थी लेकिन राज्यपाल ने उससे पहले ही राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की सिफारिश कर दी।
लखनऊ। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने का फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के दबाव की वजह से लिया गया है। सिंह ने कहा कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राकांपा को तीसरे सबसे बड़े दल के तौर पर सरकार गठन के लिये आमंत्रित किया था।
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उन्होंने कहा कि यह समय सीमा मंगलवार रात 8:30 बजे खत्म होनी थी लेकिन राज्यपाल ने उससे पहले ही राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की सिफारिश कर दी। इसे लोकतंत्र के लिहाज से उचित नहीं कहा जा सकता। उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने शुरू में सही प्रक्रिया का पालन किया और बारी-बारी से भाजपा और शिवसेना को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया। उसके बाद राकांपा को भी न्योता मिला लेकिन अचानक न जाने क्या हो गया और राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर दी गई। इस अचानक लिए गए फैसले से पता चलता है कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के दबाव में अनुचित तरीके से लिया गया है।
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उन्होंने आशंका जतायी कि राष्ट्रपति शासन की आड़ में भाजपा अब विधायकों की खरीद फरोख्त कर सकती है। सिंह ने दावा किया कि भाजपा ने शिवसेना के साथ वादाखिलाफी की है। उन्हें शिवसेना से सहानुभूति है।
Former Maharashtra CM Devendra Fadnavis in a press note: President's rule is unfortunate but we expect that Maharashtra will get a stable government soon. (file pic) pic.twitter.com/Mwl62YoRfj
— ANI (@ANI) November 12, 2019
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