लोकसभा में राष्‍ट्रीय शिक्षक प्रशिक्षण संशोधन विधेयक 2017 पेश

Presenting the National Teacher Training Amendment Bill 2017 in Lok Sabha

लोकसभा में राष्‍ट्रीय शिक्षक प्रशिक्षण (संशोधन) विधेयक 2017 पेश किया गया जिसमें एनसीटीई की अनुमति के बिना शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों को संचालित करने वाले केन्‍द्रीय या राज्‍य स्तरीय विश्‍वविद्यालयों को पूर्व प्रभाव से मान्‍यता प्रदान करने का प्रावधान है।

नयी दिल्ली। लोकसभा में राष्‍ट्रीय शिक्षक प्रशिक्षण (संशोधन) विधेयक 2017 पेश किया गया जिसमें एनसीटीई की अनुमति के बिना शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों को संचालित करने वाले केन्‍द्रीय या राज्‍य स्तरीय विश्‍वविद्यालयों को पूर्व प्रभाव से मान्‍यता प्रदान करने का प्रावधान है। लोकसभा में मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने सदन में राष्‍ट्रीय शिक्षक प्रशिक्षण (संशोधन) विधेयक 2017 पेश किया जिसके माध्यम से राष्‍ट्रीय शिक्षक प्रशिक्षण अधिनियम, 1993 में संशोधन करने का प्रस्ताव किया गया है।

इस विधेयक में प्रस्ताव किया गया है कि राष्ट्रीय शिक्षक प्रशिक्षण परिषद (एनसीटीई) की मान्‍यता के बिना शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम संचालित करने वाले केन्‍द्र/राज्‍य/संघ शासित क्षेत्र के वित्‍तपोषित संस्‍थानों/विश्‍वविद्यालयों को अकादमिक सत्र 2017-2018 तक पूर्व प्रभाव से मान्‍यता प्रदान करने का प्रावधान है। यह पूर्व प्रभाव मान्‍यता एक बार वाले उपाय के रूप में दी जा रही है ताकि इन संस्‍थानों से उत्‍तीर्ण हुए या पंजीकृत छात्रों के भविष्‍य को खतरा न हो। इसमें प्रावधान किया गया है कि इन संस्‍थाओं/विश्‍वविद्यालयों में पढ़ रहे अथवा यहां से पहले ही उत्‍तीर्ण हो चुके छात्र शिक्षक के रूप में रोजगार पाने के पात्र हो सकेंगे।

बी.एड और बुनियादी शिक्षा में डिप्‍लोमा जैसे शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम चलाने वाले सभी संस्‍थानों को एनसीटीई अधिनियम की धारा 14 के अन्‍तर्गत राष्‍ट्रीय शिक्षक प्रशिक्षण परिषद से मान्‍यता लेनी होगी। इसके अलावा, ऐसे मान्‍यता प्राप्‍त संस्‍थानों/ विश्‍वविद्यालयों को एनसीटीई अधिनियम की धारा 15 के अन्‍तर्गत पाठ्यक्रमों की अनुमति प्राप्‍त करनी होगी। एनसीटीई ने सभी केन्‍द्रीय विश्‍वविद्यालयों और राज्‍य सरकारों/राज्‍य विश्‍वविद्यालयों/ जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्‍थानों (डायट) को इस संबंध में लिखकर अवगत कराया है कि शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों की शुरूआत करने के लिए पूर्व अनुमति प्राप्‍त करने का अनिवार्य कानूनी प्रावधान है।

उल्लेखनीय है कि एनसीटीई अधिनियम 1 जुलाई, 1995 को प्रभाव में आया था और जम्‍मू व कश्‍मीर राज्‍य को छोड़कर यह देशभर में लागू है। इस अधिनियम का मुख्‍य उद्देश्‍य शिक्षक प्रशिक्षण प्रणाली की आयोजना और समन्वित विकास, प्रणाली, विनियमन की प्राप्ति का लक्ष्‍य व उक्‍त प्रणाली में मानदण्‍डों व मानको का समुचित अनुरक्षण सुनिश्चित करना है।

अधिनियम के लक्ष्‍यों को प्राप्‍त करने की दृष्टि से, शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों को मान्‍यता देने के लिए इस अधिनियम में पृथक से प्रावधान किए गए हैं और मान्‍यता प्राप्‍त संस्‍थानों/विश्‍वविद्यालयों द्वारा अनुपालनार्थ मार्गदर्शी-निर्देश निर्धारित किए गए है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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