राजधानी में गणेश उस्तव की तैयारियां हुई शुरू,सरकार और जिला प्रशासन ने जारी की गाइडलाइन
10 दिनी गणेशोत्सव में मूर्ति विसर्जन के लिए जिला प्रशासन जगह तय करेगा। उसी जगह विसर्जन करना होगा। नगर निगम यह व्यवस्था देखेगा। वहीं, पुलिस सुरक्षा व्यवस्था करेगी। इसके साथ ही कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन होने पर आयोजक जिम्मेदार होंगे।
भोपाल। भोपाल में गणेश उस्तव की तैयारियां ज़ोरोशोरो से चल रही है। लगभग 800 से अधिक सार्वजनिक स्थानों पर श्रीगणेश की मूर्ति विराजित की जाएगी। इसे लेकर जिला प्रशासन ने गाइडलाइन की है। पिछले साल कोरोना के चलते पंडाल नहीं लगाए गए थे लेकिन इस बार कुछ पाबंदियों के बीच मूर्ति विराजित करने की छूट दी गई है।
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आपको बता दें कि यदि कोई समिति या कॉलोनी-मोहल्ले के लोग गणेश मूर्ति विराजित कर रहे हैं। तब उन्हें नियमों का पालन करना पड़ेगा। अगर ऐसा नहीं करते है तो कानून के उल्लंघन के दायरे में आएंगे।
वहीं 10 दिनी गणेशोत्सव में मूर्ति विसर्जन के लिए जिला प्रशासन जगह तय करेगा। उसी जगह विसर्जन करना होगा। नगर निगम यह व्यवस्था देखेगा। वहीं, पुलिस सुरक्षा व्यवस्था करेगी। इसके साथ ही कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन होने पर आयोजक जिम्मेदार होंगे। उन पर धारा 144 के तहत कार्रवाई होगी।
बताया जा रहा है कि पंडाल के लिए SDM से परमिशन लेना जरूरी है, पर कम लोग ही पहुंच रहे हैं। हुजूर, कोलार, बैरागढ़, गोविंदपुरा, शहर, एमपी नगर, टीटी नगर व बैरसिया में अब तक 200 भी परमिशन जारी नहीं की गई है।
इसके साथ ही भोपाल में POP से निर्मित मूर्ति न तो बेची जा सकेगी और न ही खरीदी। इसे लेकर जिला प्रशासन प्रतिबंध लगा चुका है। हालांकि, बाजार में कई स्थानों पर POP से बनी मूर्ति बेची जा रही है।
क्या कुछ रहेंगे नियम
- पंडाल 30×45 का रहेगा।
- ऐसी जगह पंडाल नहीं बनाया जा सकेगा, जहां की सड़कें संकरी है।
- पंडालों में सांस्कृतिक, मनोरंजन व खेल के इवेंट नहीं होंगे।
- जागरण और भंडारे नहीं हो सकेंगे।
- पंडालों में बिजली के टेंपरेरी कनेक्शन लेने भी जरूरी होंगे।
- पंडाल में बिजली कनेक्शन की लेमिनेटेड रसीद रखना जरूरी होगा।
- लाउड स्पीकर बजाने के संबंध में सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन जरूरी होगा।
- चल समारोह या जुलूस नहीं निकाले जाएंगे।
- मूर्ति और ताजिए के विसर्जन में 10 लोग ही शामिल हो सकेंगे।
- झांकी या पंडाल में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हुआ, तो आयोजक जिम्मेदार होंगे।
- श्रद्धालु और आयोजक फेस कवर पहनकर ही आएंगे। मास्क भी जरूरी रहेगा। सैनिटाइजर की व्यवस्था आयोजकों को करना होगी।
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