बिहार में 3 हजार किलोमीटर की पदयात्रा करेंगे प्रशांत किशोर, कहा- नहीं बनाऊंगा पार्टी
प्रशांत किशोर ने ऐलान कर दिया है वह फिलहाल कोई राजनीतिक पार्टी नहीं बना रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि बिहार में राजनीतिक बदलाव के लिए 3000 किलोमीटर की पदयात्रा करेंगे जिसकी शुरुआत चंपारण से होगी। हालांकि प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि मैं 17000 से ज्यादा लोगों से बात करूंगा।
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को लेकर पिछले कई दिनों से कयासों का दौर लगातार जारी था। दावा किया जा रहा था कि प्रशांत किशोर अपनी नए राजनीतिक दल का गठन कर सकते हैं। हालांकि प्रशांत किशोर ने आज इस पर विराम लगा दिया। प्रशांत किशोर ने ऐलान कर दिया है वह फिलहाल कोई राजनीतिक पार्टी नहीं बना रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि बिहार में राजनीतिक बदलाव के लिए 3000 किलोमीटर की पदयात्रा करेंगे जिसकी शुरुआत चंपारण से होगी। हालांकि प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि मैं 17000 से ज्यादा लोगों से बात करूंगा। अगर पार्टी बनाने के लिए वे तैयार हुए तो इस पर विचार किया जाएगा। लेकिन यह पार्टी सिर्फ मेरी नहीं बल्कि सभी की होगी।
प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार आज 30 साल के लालू और नीतीश के राज के बाद भी देश का सबसे पिछड़ा और गरीब राज्य है। विकास के कई मानकों पर बिहार आज भी देश के सबसे निचले पायदान पर है। बिहार अगर आने वाले समय में अग्रणी राज्यों की सूची में आना चाहता है तो इसके लिए नई सोच और नए प्रयास की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बिहार के ऐसे लोग जिनमें यहां की समस्या को सुलझाने की क्षमता है और बिहार को बदलने का जज्बा है उन लोगों को एक साथ लाने का प्रयास कर रहे हैं।बिहार आज 30 साल के लालू और नीतीश के राज के बाद भी देश का सबसे पिछड़ा और गरीब राज्य है। विकास के कई मानकों पर बिहार आज भी देश के सबसे निचले पायदान पर है। बिहार अगर आने वाले समय में अग्रणी राज्यों की सूची में आना चाहता है तो इसके लिए नई सोच और नए प्रयास की जरूरत है: प्रशांत किशोर pic.twitter.com/1zzanjB8p2
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 5, 2022
प्रशांत किशोर ने बताया कि अगर हम पार्टी बनाने की तरफ बढ़ते भी है तो वो प्रशांत किशोर की पार्टी नहीं होगी... अगले 3-4 महीनों में हमने बिहार में जिन 17-18 हज़ार लोगों को चिन्हित किया है, वे साथ में आकर तय करते हैं कि पार्टी बनाने की जरूरत है तो उस समय ये फैसला लिया जाएगा। 2 अक्टूबर से मैं स्वयं पश्चिमी चंपारण गांधी आश्रम से 3000 किलोमीटर की पदयात्रा शुरू करूंगा... बिहार के जिन लोगों से मिलना जरूरी है उनसे मुलाकात की जाएगी। उन्हें जनसुराज की परिकल्पना से जोड़ने का प्रयास करेंगे।
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