भारत के ताने-बाने में भेदभाव की राजनीति से मुझे होता है दुख: ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि भारत के ताने-बाने में भेदभाव की राजनीति जोड़े जाते देख उनको बहुत दुख होता है। एक मार्च को ‘शून्य भेदभाव दिवस’ के अवसर पर, उन्होंने लोगों से समाज से जाति, पंथ और धर्म के आधार पर सभी प्रकार के विभाजन को उखाड़ने का आग्रह किया।
कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को कहा कि ‘‘भारत के ताने-बाने’’ में भेदभाव की राजनीति जोड़े जाते देख उनको बहुत दुख होता है। एक मार्च को ‘‘शून्य भेदभाव दिवस’’ के अवसर पर, उन्होंने लोगों से समाज से जाति, पंथ और धर्म के आधार पर सभी प्रकार के विभाजन को उखाड़ने का आग्रह किया। उनका यह बयान उस दिन आया है जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कोलकाता में एक सीएए के समर्थन में एक रैली की।
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तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो बनर्जी भाजपा पर लोगों को धार्मिक आधार पर बांटने का आरोप लगाती रही हैं। मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘आज शून्य भेदभाव दिवस पर, मुझे भारत के ताने-बाने में भेदभाव जोड़े जाने की राजनीति होते देख बहुत दुख होता है। आइए हम अपने समाज से जाति, पंथ और धर्म के आधार पर विभाजन के सभी रूपों को उखाड़ने की प्रतिज्ञा लें।’’
Today on @UN #ZeroDiscriminationDay, it pains me to witness the politics of discrimination being woven into the fabric of India. Let us pledge to uproot all forms of division based on caste, creed, and religion from our society. We will never stand for discrimination of any kind.
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) March 1, 2020
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