राजस्थान में फिर तेज हुई सियासत, सचिन पायलट से मिले अशोक गहलोत खेमे के मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास
आश्चर्य की बात यह है कि सचिन पायलट खुद आशीर्वाद से मिलने के लिए उनके घर पहुंचे थे। खाचरियावास से इसको लेकर सवाल पूछा गया। हालांकि, उन्होंने कहा कि हम दोनों लगातार साथ बैठते हैं। विधानसभा में भी हम साथ बैठते हैं।
राजस्थान में एक बार फिर से कांग्रेस के बीच का सियासी हलचल तेज होती दिखाई दे रही है। जानकारी के मुताबिक के कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी दशहरा बाद ही राजस्थान को लेकर कोई बड़ा निर्णय ले सकती हैं। इन सब के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खेमे से मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने सचिन पायलट से मुलाकात की है। इसके अलग-अलग मायने भी निकाले जा रहे हैं। खाचरियावास लगातार अशोक गहलोत के समर्थन में बोलते रहे हैं। बीच में उन्होंने जबरदस्त तरीके से सचिन पायलट पर निशाना भी साधा था। यही कारण है कि आज दोनों नेताओं की मुलाकात को लेकर चर्चा गर्म है।
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आश्चर्य की बात यह है कि सचिन पायलट खुद आशीर्वाद से मिलने के लिए उनके घर पहुंचे थे। खाचरियावास से इसको लेकर सवाल पूछा गया। हालांकि, उन्होंने कहा कि हम दोनों लगातार साथ बैठते हैं। विधानसभा में भी हम साथ बैठते हैं। उन्होंने कहा कि जाहिर सी बात है कि अगर सचिन पायलट आए होंगे तो हमारे बीच भजन कीर्तन की बात तो नहीं हुई होगी। हमारे बीच जो भी बात हुई है वह हम नहीं बता सकते हैं। आपको बता दें कि राजस्थान में फिलहाल सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच वर्चस्व की लड़ाई लड़ चल रही है। दोनों नेता एक दूसरे पर जबरदस्त तरीके से हमलावर हैं।
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दूसरी ओर कांग्रेस में राजस्थान को लेकर लगातार जारी है। अशोक गहलोत के भविष्य को लेकर अटकलों का दौर भी लगातार जारी है। कुछ दिन पहले ही यह कहा गया था कि सोनिया गांधी अशोक गहलोत को लेकर एक-दो दिनों में फैसला ले सकती हैं। हालांकि, अब तक यह फैसला नहीं लिया गया है। अशोक गहलोत के कांग्रेस शहर अध्यक्ष पद चुनाव लड़ने की चर्चा थी जिसके बाद दिल्ली से 2 पर्यवेक्षक राजस्थान पहुंचे थे। गहलोत गुट का दावा है कि पर्यवेक्षक सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने के लिए आए थे। 92 विधायकों ने अशोक गहलोत का समर्थन किया। खबर तो यह भी है अशोक गहलोत के समर्थन में 92 विधायकों ने अपना इस्तीफा तक दे दिया था। हालांकि अब इस को लेकर कोई खबर नहीं मिल पा रही है।
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