माधवराव सिंधिया की राजनीतिक पार्टियों के बैनर में तस्वीर पर मचा सियासी बवाल
माधवराव सिंधिया शुरू से ही कांग्रेस के नेता थे। वह तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कार्यकाल में रेल मंत्री थे। साथ ही वह कई बार कांग्रेस पार्टी से विधायक भी रहे।
भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस के पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा एक दिवसीय दौरे पर ग्वालियर पहुंचे थे। जहां दिवंगत माधवराव सिंधिया की कांग्रेस और बीजेपी के बैनरों में तस्वीर को लेकर राज्य में सियासी बवाल हो गया है। इस दौरान शहर में पूर्व मंत्री के स्वागत में लगे बैनरों से दिवंगत माधवराव सिंधिया- जिन्हें कांग्रेस पार्टी अपना नेता मानती है की तस्वीर गायब थी।
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आपको बता दें कि यह पहला मौका है जब कांग्रेस के बैनर और पोस्टरों में सिंधिया की तस्वीर गायब थी। वहीं ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में यह भी पहली बार देखने को मिला कि बीजेपी ने अपने बैनर और होर्डिंग्स में कांग्रेस नेता माधवराव सिंधिया की फोटो का इस्तेमाल किया था।
दरअसल बीजेपी के पास केवल विजया राजे सिंधिया की फोटो हुआ करती थी। लेकिन अब ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने के बाद माधवराव सिंधिया की फोटो भी बैनरों में दिखाई देने लगी है।
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इस मुद्दे को लेकर बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता आशीष अग्रवाल ने कहा है कि कांग्रेस का अपने नेताओं को भूलकर एक परिवार को गुलाम बनाने का इतिहास रहा है। “जिस परिवार ने मोरारजी देसाई, चौधरी चरण सिंह और यहां तक कि वर्तमान युवा पीढ़ी के योगदान सहित सब कुछ नष्ट कर दिया। उन्होंने कहा कि वे दिवंगत माधव सिंधिया के योगदान को कैसे याद कर सकते हैं जिन्होंने अपना जीवन कांग्रेस पार्टी को समर्पित कर दिया।
वहीं, कांग्रेस जिलाध्यक्ष देवेंद्र शर्मा ने पलटवार करते हुए कहा कि कुछ कार्यकर्ताओं ने ये पोस्टर लगाए थे और उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी। शर्मा ने कहा, "हालांकि यह सच है कि बीजेपी अपने राजनीतिक फायदे के लिए हमारे नेता स्वर्गीय माधवराव सिंधिया के नाम का इस्तेमाल कर रही है।"
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हालांकि माधवराव सिंधिया शुरू से ही कांग्रेस के नेता थे। वह तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कार्यकाल में रेल मंत्री थे। साथ ही वह कई बार कांग्रेस पार्टी से विधायक भी रहे।
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