Karnataka में अवैध होर्डिंग्स लगाने के लिए राजनीतिक दल दोषी हैं : बीबीएमपी ने अदालत से कहा

Karnataka High Court
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सहायक आयुक्त (विज्ञापन) द्वारा दायर रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि “बीबीएमपी के अधिकारियों ने इस खतरे को रोकने की पूरी कोशिश की और लगभग सभी ऐसे अनधिकृत विज्ञापन होर्डिंग्स, फ्लेक्स या बैनर और अन्य डिस्प्ले को हटा दिया है।”

बेंगलुरु। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने बुधवार को बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) और राज्य सरकार को चेतावनी दी कि उन्हें नागरिक निकाय की सीमा में आने वाले प्रत्येक अवैध विज्ञापन के लिए 50,000 रुपये का भुगतान करना होगा। बीबीएमपी ने अदालत को सूचित किया था कि हाल के विधानसभा चुनाव के दौरान, राजनेताओं को बधाई देने वाले हजारों अवैध बैनर और होर्डिंग्स उनके समर्थकों द्वारा लगाए गए थे। अदालत ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए अवैध विज्ञापनों के मुद्दे पर निष्क्रियता के लिए बीबीएमपी और राज्य सरकार दोनों को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “यह तस्वीर न केवल आश्चर्यजनक रूप से चौंकाने वाली है, बल्कि जैसा कि हमने देखा है, किसी की अंतरात्मा को झकझोर देने वाली है। ऐसे में, इसकी तत्काल आवश्यकता है प्रतिवादी अधिकारियों को कार्रवाई के लिये तत्पर रखें।”

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अदालत को सौंपी गई अनुपालन रिपोर्ट में राजनीतिक दलों को दोषी ठहराते हुए, बीबीएमपी ने दावा किया, “भारत निर्वाचन आयोग द्वारा विज्ञापन होर्डिंग, फ्लेक्स या बैनर और अन्य डिस्प्ले के प्रदर्शन पर प्रतिबंध के बावजूद, विधानसभा चुनावों के दौरान राजनीतिक दलों और उनके समर्थकों ने अनधिकृत विज्ञापन होर्डिंग्स, फ्लेक्स या बैनर और अन्य डिस्प्ले लगाए गए”। सहायक आयुक्त (विज्ञापन) द्वारा दायर रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि “बीबीएमपी के अधिकारियों ने इस खतरे को रोकने की पूरी कोशिश की और लगभग सभी ऐसे अनधिकृत विज्ञापन होर्डिंग्स, फ्लेक्स या बैनर और अन्य डिस्प्ले को हटा दिया है।” रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि 21 मार्च, 2023 के बाद से बीबीएमपी के आठ क्षेत्रों में कुल 59,413 अनधिकृत विज्ञापनों की पहचान की गई और उनमें से 58,429 को हटा दिया गया है। इस मामले में अगली सुनवाई 30 अगस्त को होगी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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