राजनैतिक संरक्षणों को आतुर अधिकारी जान लें कि राजनैतिक संरक्षण कभी स्थाई नहीं होता- कमल नाथ
लेकिन दुख:द है कि चुनाव आयोग ने शिकायतों और प्रमाणों के बाद भी ऐसे बूथों पर पुनर्मतदान करवाना उचित नहीं समझा। इस तरह की घटनाओं के प्रमाणित तथ्य, शिकायतों के साथ प्रत्याीशियों द्वारा चुनाव आयोग के समक्ष प्रस्तुत भी किये गये किंतु पुनर्मतदान का निर्णय नहीं लिया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है।
भोपाल। पूर्व मुख्यतमंत्री कमल नाथ ने कहा है कि सुमावली, मुरैना, मेहगांव सहित अन्यन उप-चुनाव वाले क्षेत्रों में भाजपा के लोगों ने हिंसक घटनाओं के माध्यम से और गोली चलाकर बूथ कैप्चरिंग की। उन्हें इसके लिए खुलेआम पुलिस और प्रशासन का संरक्षण मिला। नाथ ने कहा कि इन सारी घटनाओं की वीडियो और खबरें विभिन्न प्रचार माध्यमों से सामने आई हैं। लेकिन दुख:द है कि चुनाव आयोग ने शिकायतों और प्रमाणों के बाद भी ऐसे बूथों पर पुनर्मतदान करवाना उचित नहीं समझा। इस तरह की घटनाओं के प्रमाणित तथ्य, शिकायतों के साथ प्रत्याीशियों द्वारा चुनाव आयोग के समक्ष प्रस्तुत भी किये गये किंतु पुनर्मतदान का निर्णय नहीं लिया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है।
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इस तरह की घटनाओं पर अपराधिक मामले भी दर्ज नहीं किये गये। इन तथ्योंद से स्पंष्टा है कि पुलिस और प्रशासन द्वारा ऐसे तत्वों की खुलकर मदद की गई, उनकी मूक सहमति से ही यह सब घटित हुआ है। प्रदेश की जनता ने इन उपचुनावो में भाजपा के धनबल, अर्थबल और बाहुबल का खुला नंगा नाच देखा है। इन घटनाओं से प्रदेश की छवि देश भर में धूमिल हुई है।
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कमल नाथ ने कहा कि मैने पहले भी कहा है कि पुलिस और प्रशासन के अधिकारी निष्पनक्ष तरीके से चुनाव को संपन्नश करायें और अपने पदीय दायित्वों को ईमानदारी व निष्पक्षता से निभायें परन्तु् ऐसे पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी जिन्होंरने अपने दायित्वों का निष्पक्ष निर्वहन नहीं करते हुए चुनावों को भाजपा के पक्ष में प्रभावित करने का कारी किया है, उनकी संपूर्ण गतिविधियां रिकॉर्डेड है और इसके लिए वे उत्तरदायी होंगे। उन्होंने कहा कि जो पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी राजनैतिक संरक्षण में अपने दायित्वों का निष्पक्षता व ईमानदारी से निर्वहन नहीं कर रहे है, वे यह जान लें कि कोई भी राजनैतिक संरक्षण कभी स्थायी नहीं होता है। 10 तारीख़ के बाद जनता के सामने यह सब प्रमाण रखा जायेगा।
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