PM मोदी ने टैगोर और नेताजी को किया याद, कहा- इतिहास के अहम पक्षों को किया गया नजरअंदाज
गुरुदेव को याद करते हुए मोदी ने कहा कि गुरुदेव ने 1903 के अपने लेख में लिखा था कि ''भारत का इतिहास वो नहीं है जो हम परीक्षाओं के लिए पढ़ते हैं, कुछ लोग बाहर से आए, पिता बेटे की हत्या करता रहा, भाई-भाई को मरता रहा, सिंहासन के लिए संघर्ष होता रहा ये भारत का इतिहास नहीं है''।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज कोलकता दौरे पर हैं। PM मोदी कोलकाता में ओल्ड करेंसी बिल्डिंग में एक कार्यक्रम में शामिल हुएं। इसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी मिलेनियम पार्क में पहुंचे, जहां उन्होंने कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट की 150 वीं वर्षगांठ समारोह के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रवींद्र सेतु (हावड़ा ब्रिज) की सिंक्रोनाइज़्ड लाइट एंड साउंड सिस्टम के साथ डायनामिक आर्किटेक्चरल इल्यूमिनेशन का अनावरण किया। सीएम ममता बनर्जी भी मौजूद रहीं। ओल्ड करेंसी बिल्डिंग को संबोधित करते हुए PM मोदी ने कहा कि आज भारत की कला, संस्कृति और साहित्य के क्षेत्र में एक बहुत दिवस है। भारत की कला, संस्कृति अपने हैरिटेज को 21वीं सदी के अनुसार संरक्षित करने और उन्हें रिब्रांड, रेनोवेट और रिहाउस करने का आज राष्ट्रवादी अभियान पश्चिम बंगाल की मिट्टी से शुरु हो रहा है। कोलकाता भारत के सवोच्च सांस्कृतिक केंद्रों में से एक रहा है। आपकी भावनाओं के अनुसार अब कोलकाता की समृद्ध पहचान को नए रंग रूप में दुनिया के सामने लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। यहां की 4 आइकोनिक मारतों के नवीनीकरण का काम पूरा हो चुका है
#WATCH West Bengal: Prime Minister Narendra Modi unveiled Dynamic Architectural Illumination with synchronised light & sound system of Rabindra Setu (Howrah Bridge) today, as a part of 150th anniversary celebrations of #Kolkata Port Trust pic.twitter.com/qzOFQBShJb
— ANI (@ANI) January 11, 2020
PM मोदी ने आगे कहा कि स्वतंत्रता के बाद के दशकों में जो हुआ, नेताजी से जुड़ी जो भावनाएं जो देश के मन में थीं, वो हम सभी भली भांति जानते हैं। नेताजी के नाम पर लाल किले में म्यूजियम बनाया गया। अंडमान निकोबार द्वीप समूह में एक द्वीप का नामकरण नेताजी के नाम पर किया गया। जब आज़ाद हिंद सरकार के 75 वर्ष पूरे हुए तो लाल किले में ध्वजारोहण का सौभाग्य मुझे खुद मिला। नेताजी से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक करने की मांग भी बरसों से हो रही थी, जो अब पूरी हो चुकी है। ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण रहा कि अंग्रेजी शासन के दौरान और स्वतंत्रता के बाद भी देश का जो इतिहास लिखा गया, उसमें इतिहास के कुछ अहम पक्षों को नजरअंदाज कर दिया गया।
LIVE: PM Modi is speaking at a programme at Old Currency Building in Kolkata. #BengalWelcomesModi https://t.co/AAePlZRMXJ
— BJP (@BJP4India) January 11, 2020
गुरुदेव टैगोर को याद करते हुए मोदी ने कहा कि गुरुदेव ने 1903 के अपने लेख में लिखा था कि 'भारत का इतिहास वो नहीं है जो हम परीक्षाओं के लिए पढ़ते हैं, कुछ लोग बाहर से आए, पिता बेटे की हत्या करता रहा, भाई-भाई को मरता रहा, सिंहासन के लिए संघर्ष होता रहा, ये भारत का इतिहास नहीं है'। गुरुदेव ने अपने एक लेख में एक बहुत महत्वपूर्ण उदाहरण भी दिया था आंधी और तूफान का। उन्होंने लिखा था कि “चाहे जितना भी तूफान आए, उससे भी ज्यादा अहम होता है कि संकट के उस समय में, वहां के लोगों ने उस तूफान का सामना कैसे किया। भारत के इतिहास की बहुत सी बातें पीछे छूट गईं। हमारे देश के इतिहास और उसकी विरासत पर दृष्टि डालें तो उसे कुछ लोगों ने सत्ता के संघर्ष, हिंसा, उत्तराधिकारी की लड़ाई तक सीमित कर दिया था। लेकिन जो बात गुरुदेव ने भी कही थी, उसकी चर्चा भी जरूरी है।
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