व्यापार-रक्षा-सुरक्षा पर मोदी और मून-जेई-इन के बीच हुई रचनात्मक बातचीत
प्रधानमंत्री मोदी का ‘द ब्लू हाउस’ में आधिकारिक रूप से रस्मी स्वागत किया गया। यह राष्ट्रपति का कार्यकारी कार्यालय तथा आधिकारिक आवास है। मोदी ने दक्षिण कोरिया की प्रथम महिला किम जंग-सूक से भी मुलाकात की।
सियोल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून-जेई-इन के बीच शुक्रवार को व्यापार, निवेश, रक्षा और सुरक्षा समेत प्रमुख क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर रचनात्मक बातचीत हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दक्षिण कोरिया के साथ भारत के रणनीतिक समझौतों को मजबूत करने के लिए यहां की दो दिवसीय यात्रा पर हैं।प्रधानमंत्री मोदी का ‘द ब्लू हाउस’ में आधिकारिक रूप से रस्मी स्वागत किया गया। यह राष्ट्रपति का कार्यकारी कार्यालय तथा आधिकारिक आवास है। मोदी ने दक्षिण कोरिया की प्रथम महिला किम जंग-सूक से भी मुलाकात की।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि दोनों नेताओं ने व्यापार एंव निवेश, रक्षा एवं सुरक्षा, ऊर्जा, अंतरिक्ष, स्टार्टअप क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर रचनात्मक वार्ता की। वार्ता के बाद दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून ने मीडिया को बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत के आर्थिक परिवर्तन में दक्षिण कोरिया एक महत्वपूर्ण भागीदार है। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं पिछले हफ्ते हुए पुलवामा आतंकी हमले के बाद राष्ट्रपति मून की ओर से प्रकट किए गए शोक और समर्थन के लिए आभारी हूं। हम आतंकवाद के खिलाफ अपने द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग को और अधिक मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
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मोदी ने कहा कि आज भारत के गृह मंत्रालय और कोरिया की राष्ट्रीय पुलिस एजेंसी के बीच हुआ करार (एमओयू) आतंकी गतिविधियों के खिलाफ हमारे सहयोग को और आगे बढ़ाएगा। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि विश्व समुदाय भी बातों से आगे बढ़कर इस समस्या के विरोध में एकजुट हो और कार्रवाई करे। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के आर्थिक परिवर्तन में हम कोरिया को एक बहुमूल्य भागीदार मानते हैं। हमारे निवेश और व्यापारिक संबंध बढ़ रहे हैं। आज राष्ट्रपति मून और मैंने 2030 तक हमारे द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाकर 50 अरब डॉलर तक ले जाने को लेकर एक बार फिर प्रतिबद्धता जताई है।
उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचा, बंदरगाह विकास, समुद्री एवं खाद्य प्रसंस्करण, स्टार्टअप और छोटे एवं मझोले उद्यम जैसों क्षेत्र में हम सहयोग बढ़ाने पर राजी हुए हैं। मोदी ने कहा कि बढ़ती रणनीतिक भागीदारी में रक्षा क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका है। उदहारण के लिए भारतीय थल सेना में के-9 वज्र आर्टिलरी गन के शामिल होने को देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि रक्षा उत्पादन में उल्लेखनीय सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए भारत और दक्षिण कोरिया ने रक्षा प्रौद्योगिकी और सह-उत्पादन की रूपरेखा बनाने पर भी सहमति जताई है। इसके तहत हम भारत में बना रहे रक्षा औद्योगिक गलियारों में कोरियाई कंपनियों की भागीदारी का स्वागत करेंगे।
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पिछले साल जुलाई में हमें राष्ट्रपति मून का भारत में स्वागत करने का अवसर मिला। हम ईस्ट एशिया शिखर सम्मेलन और जी-20 देशों के शिखर सम्मेलन के दौरान भी मिले। मैंने अनुभव किया कि भारत की ईस्ट एक्ट नीति और कोरिया की नई दक्षिण नीति ने हमारी विशेष सामरिक भागीदारी को मजबूत करने और गहरा करने का एक मंच दिया है। भारत-प्रशांत के संबंध में भारत का नजरिया समावेशी, आसियान केन्द्रित और साझी समृद्धि पर विशेष जोर देता है। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें भारत और कोरिया साझा मूल्यों और हितों के आधार पर पूरे क्षेत्र एवं विश्व के लाभ के लिए मिलकर काम कर सकते हैं।
मोदी ने कहा कि दोनों देशों के नागरिकों के बीच संपर्क संबंधों को और अधिक मजबूत करने के लिए हमने भारत में कोरिया के नागरिकों के लिए आगमन पर वीजा की सुविधा पिछले साल अक्टूबर से शुरू कर दी है। कोरिया ने भारतीयों के लिए समूह वीजा के सरलीकरण का निर्णय किया, जिसका मैं स्वागत करता हूं। इससे हमारे द्विपक्षीय पर्यटन का विकास होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरी यह कोरिया यात्रा ऐसे महत्वपूर्ण समय में हो रही है, जब महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाई जा रही है और कोरिया में लोकतंत्र के आंदोलन का शताब्दी समारोह भी मनाया जा रहा है। महात्मा गांधी स्मरणोत्सव संग्रह के लिए राष्ट्रपति मून द्वारा लिखी गई श्रद्धांजलि के लिए मैं उनका आभारी हूं।
South Korea is an important partner in India's economic transformation. Our trade and investment are growing - PM @narendramodi in his Press Statement following the delegation level talks with Korean President @moonriver365. Full statement at https://t.co/oyrGnx98hk pic.twitter.com/7xO9KaDfkE
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) February 22, 2019
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