Civil Service Day पर बोले PM Modi, भाग्य भरोसे सफलता नहीं मिलती, लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जिंदगी खपानी है

मोदी ने कहा कि भारत का आकांक्षी समाज - चाहे वह युवा हो, किसान हो या महिलाएं - अभूतपूर्व सपने और महत्वाकांक्षाएं रखता है। इन आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए हमें उतनी ही अभूतपूर्व गति से प्रगति की आवश्यकता है।
विज्ञान भवन में 17वें सिविल सेवा दिवस समारोह को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित किया। इस दौरान मोदी ने कहा कि इस बार का सिविल सेवा दिवस कई वजहों से बहुत विशेष है। इस साल हम अपने संविधान का 75वां वर्ष मना रहे हैं और ये सरदार वल्लभभाई पटेल जी की 150वीं जयंती के भी साल है। उन्होंने कहा कि यह श्री सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती का वर्ष भी है। वल्लभभाई पटेल ने आप सभी को ‘भारत का इस्पात ढांचा’ कहा था - ईमानदारी और अनुशासन से ओतप्रोत सिविल सेवक। मैं उन्हें नमन करता हूँ और अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ।
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पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि 21 अप्रैल, 1947 को सरदार वल्लभभाई पटेल ने आप सभी को 'Steel Frame Of India' कहा था। उन्होंने स्वतंत्र भारत की ब्यूरोक्रेसी की नई मर्यादाएं तय की थी। एक ऐसा Civil Servant जो राष्ट्र की सेवा को अपना सर्वोत्तम कर्तव्य माने, जो लोकतांत्रिक तरीके से प्रशासन चलाए, जो ईमानदारी, अनुशासन और समर्पण से भरा हुआ हो। उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले मैंने लाल किले से कहा था कि आज के भारत को आने वाले 1 हजार साल की नींव को मजबूत करना है। एक हिसाब से देखें तो 1 हजार साल की सहस्त्राब्दी में पहले 25 साल बीत गए हैं।
उन्होंने कहा कि ये नई शताब्दी का 25वां साल है और नई सहस्त्राब्दी का भी 25वां साल है। हम आज जिन नीतियों पर काम कर रहे हैं, जो निर्णय ले रहे हैं, वो 1 हजार साल का भविष्य तय करने वाले हैं। उन्होंने कहा कि आज हम एक ऐसी दुनिया में जी रहे हैं जो तेजी से बदल रही है। हमारी नौकरशाही और नीति-निर्माण पुरानी प्रणालियों पर काम नहीं कर सकते। यही कारण है कि 2014 से ही व्यवस्थागत बदलाव को सक्रिय रूप से आगे बढ़ाया जा रहा है। हम खुद को बहुत तेजी से बदल रहे हैं।
मोदी ने कहा कि भारत का आकांक्षी समाज - चाहे वह युवा हो, किसान हो या महिलाएं - अभूतपूर्व सपने और महत्वाकांक्षाएं रखता है। इन आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए हमें उतनी ही अभूतपूर्व गति से प्रगति की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत के हमारे लक्ष्य की प्राप्ति के लिए भी विकास रथ के हर चक्र को मिलकर चलना है। दृढ़ प्रतिज्ञ होकर हर क्षण, हर दिन इस लक्ष्य के लिए काम करना है। उन्होंने कहा कि भाग्य भरोसे सफलता नहीं मिलती। लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जीना है, जिंदगी खपानी है।
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उन्होंने कहा कि 2014 के बाद से देश में व्यवस्था परिवर्तन का एक बहुत बड़ा महायज्ञ शुरू हुआ है। हम इस तेज स्पीड के साथ खुद को तेजी से ढाल रहे हैं। आज भारत की Aspirational Society... भारत के युवा... भारत के किसान... भारत की महिलाएं... उनके सपनों की उड़ान आज जिस ऊंचाई पर है... वो अभूतपूर्व है। इन अभूतपूर्व आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए अभूतपूर्व गति आवश्यक है।
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