'भारत दुनिया की शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में से एक', PM Modi बोले- कर्तव्यों को पहली प्राथमिकता बनाकर बढ़ रहे आगे
मोदी ने कहा कि दुनिया के कुल ऑनलाइन और डिजिटल लेनदेन का 40 प्रतिशत अकेले भारत में होता है। उन्होंने कहा कि देश में आध्यात्मिक केंद्र पुनर्जीवित हो रहे हैं, साथ ही भारत अर्थव्यवस्था और प्रौद्योगिकी में भी अग्रणी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंध्र प्रदेश में साईं हीरा ग्लोबल कन्वेंशन सेंटर का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत आज दुनिया की शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। उन्होंने दावा किया कि भारत के पास दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट-अप इकोसिस्टम है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत डिजिटल प्रौद्योगिकी और 5जी प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में बड़े देशों से प्रतिस्पर्धा कर रहा है। मोदी ने कहा कि दुनिया के कुल ऑनलाइन और डिजिटल लेनदेन का 40 प्रतिशत अकेले भारत में होता है। उन्होंने कहा कि देश में आध्यात्मिक केंद्र पुनर्जीवित हो रहे हैं, साथ ही भारत अर्थव्यवस्था और प्रौद्योगिकी में भी अग्रणी है।
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विकास भी और विरासत भी
नरेंद्र मोदी ने कहा कि श्री हीरा ग्लोबल कन्वेंशन सेंटर के रूप में देश को एक प्रमुख विचार केंद्र मिल रहा है। इस सेंटर में आध्यात्मिकता की अनुभूति भी है और आधुनिकता की आभा भी है। इसमें सांस्कृतिक दिव्यता भी है और वैचारिक भव्यता भी है। उन्होंने कहा कि आज भारत भी कर्तव्यों को पहली प्राथमिकता बनाकर आगे बढ़ रहा है। आजादी के 100 वर्ष के लक्ष्य की ओर आगे बढ़ते हुए, हमने हमारे 'अमृतकाल' को 'कर्तव्य काल' का नाम दिया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमारे कर्तव्यों में आध्यात्मिक मूल्यों का मार्गदर्शन भी है और भविष्य के संकल्प भी हैं। इसमें विकास भी है और विरासत भी है।
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बड़े-बड़े देशों से कर रहे मुकाबला
मोदी ने कहा कि डिजिटल टेक्नोलॉजी और 5G जैसे क्षेत्रों में हम बड़े-बड़े देशों का मुकाबला कर रहे हैं। दुनिया में आज जितने भी real-time ऑनलाइन transactions हो रहे हैं, उसमें 40% अकेले भारत में हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि सत्य साईं सेंट्रल ट्रस्ट आंध्र के करीब 40 लाख विद्यार्थियों को श्री अन्न से बना भोजन दे रहा है, ये भी एक बहुत सराहनीय पहल है। इस तरह के initiative से दूसरे राज्यों को भी जोड़ा जाए तो देश को इसका बड़ा लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि श्री अन्न में स्वास्थ्य भी है और संभावनाएं भी हैं। हमारे ऐसे सभी प्रयास वैश्विक स्तर पर भारत के सामर्थ्य को बढ़ाएंगे और भारत की पहचान को मजबूती देंगे।
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