अरुण जेटली को याद कर भावुक हुए PM मोदी, कहा- मैं अपने दोस्त का अंतिम दर्शन भी नहीं कर पाया
इस समारोह में अपनी बात रखने के दौरान भावुक हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘कभी किसी की जिंदगी में ऐसे पल नहीं आने चाहिए कि उसे अपने उम्र में छोटे दोस्त को अंजली देना पड़े।’’
नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा भाजपा सहित विभिन्न दलों के नेताओं ने दिवंगत अरुण जेटली को मंगलवार को श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें एक प्रख्यात वक्ता, कुशल सांसद और व्यवहारकुशल नेता के रूप में याद किया जो सरकार एवं राजनीतिक दलों के बीच सेतु की भूमिका निभाते थे। भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित कांग्रेस, सपा, तृणमूल, बसपा, राकांपा, अन्नाद्रमुक, द्रमुक के अनेक वरिष्ठ नेताओं एवं केंद्रीय मंत्रियों ने मंगलवार को पूर्व वित्त मंत्री अरूण जेटली को श्रद्धांजलि दी। दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘‘कभी सोचा नहीं था कि ऐसा भी दिन आएगा कि मुझे मेरे दोस्त को श्रद्धांजलि देने के लिए आना पड़ेगा। इतने लंबे कालखंड तक अभिन्न मित्रता और फिर भी मैं उनके अंतिम दर्शन नहीं कर पाया, मेरे मन में इसका बोझ हमेशा बना रहेगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वे ‘‘सर्वमित्र थे, वे सर्वप्रिय थे और वे अपनी प्रतिभा, पुरुषार्थ के कारण जिसके लिए जहां भी उपयोगी हो सकते थे, वे हमेशा उपयोगी होते थे।’’ मोदी ने कहा कि जेटली का जीवन इतनी विविधताओं से भरा हुआ था कि दुनिया की किसी भी समकालीन चीज की बात निकालिये, वे उसका पूरा कच्चा चिट्ठा खोल देते थे। उनके पास जानकारियों का भंडार था। उन्होंने कहा कि छात्र राजनीति की पौधशाला में पैदा हुआ पौधा हिंदुस्तान की राजनीति के विशाल फलक में एक वट वृक्ष बनकर उभर आए, ये अपने आप में बहुत बड़ी बात है। प्रतिभा को एक निश्चित दिशा में ढाल कर उन्होंने हर काम में एक नयी ऊर्जा और एक नई सोच दी। इस समारोह में अपनी बात रखने के दौरान भावुक हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘कभी किसी की जिंदगी में ऐसे पल नहीं आने चाहिए कि उसे अपने उम्र में छोटे दोस्त को अंजली देना पड़े।’’
Prime Minister Narendra Modi at prayer meet for late Arun Jaitley in Delhi: I never thought a day will come when I'll have to pay tribute to my friend.We were friends for so long but I couldn't pay my last respects to him, there will always be a burden on my heart because of it. pic.twitter.com/QLYNm9WKYv
— ANI (@ANI) September 10, 2019
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘‘ भारत की राजनीति में एक खालीपन आ गया है। भारत के सभी राजनीतिक दल भी यही महसूस करते है।’’उन्होंने कहा कि बुद्धिजीवियों के बीच भाजपा को लेकर सोच को बदलने में अगर किसी की भूमिका रही है तो वह अरुण जेटली की रही है।कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि वे शानदार व्यक्तित्व थे जिनके साथ 35 वर्षो तक जुड़ाव रहा। अदालत से लेकर संसद तक हम दोनों एक दूसरे का विरोध करते थे लेकिन फिर भी हमेशा जुड़े रहे। वे बड़े दिल के व्यक्ति थे। उन्होंने कहा कि अरूण जेटली के निधन से हमने अच्छा व्यक्ति एव विनम्र मनुष्य खो दिया। वे एक ऐसे व्यक्ति थे जो राजनीति के आजीवन छात्र थे और अपनी पार्टी के समर्पित स्तम्भ रहे। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि जेटली के असमय चले जाने से देश, संसद, भाजपा, उनके परिवार और उनकी निजी क्षति हुई है। जो रिक्तता उनके जाने से सार्वजनिक जीवन में बन गई है, वह लंबे समय तक नहीं भर पाएगी।उन्होंने कहा कि अरुण जेटली बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। सार्वजनिक जीवन के कई क्षेत्रों में उनका दखल रहता था और वह समय-समय पर मार्गदर्शन भी करते थे। ढेर सारे लोगों से मित्रता बनना उनकी विशेषता थी। कोई व्यक्ति अंतिम समय तक कैसे काम कर सकता है, कैसे कोई व्यक्ति देश हित को पार्टी लाइन से उपर रख सकता है, वह उसके उदाहरण थे। ‘‘वे हमेशा एक बड़े भाई की तरह खड़े रहे, चट्टान के जैसे मेरे साथ खड़े रहे।’’भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि देश ने उच्चतम कोटि का नेता असमय खो दिया। उनकी कमी केवल भाजपा ही नहीं बल्कि भारतीय राजनीति में सभी को खलेगी। विरोधों के बावजूद सभी को साथ लेकर चलने की कला उनकी विशेषता रही। उन्होंने कहा कि पार्टी के प्रति उनकी प्रतिबद्धता अभूतपूर्व थी।
विपक्ष के लोग भी उनकी विद्वता और राजनीतिक कौशल का लोहा मानते रहे। लेकिन साथ ही साथ हमेशा उन्हें आदर के भाव से देखा गया।राकांपा के नेता शरद पवार ने कहा कि कभी जिंदगी में नहीं सोचा था कि जेटली को श्रद्धांजलि देना पड़ेगा। ‘‘कोई भी समस्या होती थी तब अरूण जी का आवास ऐसा स्थान था, जहां हम जा सकते थे।’’ लोजपा नेता रामविलास पासवान ने कहा कि जेटली उम्र में उनसे छोटे थे लेकिन संसद के भीतर और बाहर उन्होंने सदैव एक मार्गदर्शक के रूप में काम किया। उनमें नीरस एवं गूढ़ चीजों को सरल एवं सरस बनाने की अद्भुत कला थी। परमार्थ निकेतन के स्वामी चिदानंदने कहा कि अरूण जेटली ऐसे व्यक्तित्व थे जो वरिष्ठ भी थे और सभी को इष्ट भी थे। वे एक प्रखर वक्ता और सफल अधिवक्ता थे। राज्यसभा सदस्य एवं बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि अरूण जेटली से उनका साथ 38 वर्षो से रहा। उनके बारे में कछ भी कहा जाए, वह कम होगा। वह सही मायने में इंसान और दोस्त थे।तृणमूल कांग्रेस के दिनेश त्रिवेदी ने कहा कि अरूण जेटली का पूरा जीवन खेल भावना से भरा था। संसद में तीखी नोकझोंक के बावजूद बाहर निकलने के बाद खुलकर मिलते थे। उन्होंने कहा कि जेटली एक सेतु थे जो हमेशा बनाने की बात करते थे, हमेशा जोड़ने की बात करते थे।
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सपा नेता राम गोपाल यादव ने कहा कि अरूण जेटली वरिष्ठ पद पर रहे लेकिन हमेशा मिलनसार एवं सर्वसुलभ रहे। उन्होंने कहा कि राज्यसभा में जब भी वह नेता सदन की कुर्सी की ओर देखेंगे तो उन्हें जेटली की याद आएगी। अकाली दल के सुखवीर बादल ने कहा कि जेटली एक ऐसे सेतु थे जो सरकार और सभी राजनीतिक दलों के बीच सम्पर्क का काम करते थे, भले ही सरकार किसी की हो। वे सभी दलों के प्रिय थे। भाकपा नेता डी राजा ने कहा कि जेटली अपने समय के लोकप्रिय छात्र नेता, प्रखर वक्ता, शानदार लेखक एवं बेहतरीन नेता थे।द्रमुक नेता त्रिरुची शिवा ने कहा कि वह एक सक्षम अधिवक्ता और योग्य सांसद थे। संसद में विपक्ष के नेता और सदन के नेता दोनों रूप में वे अनुकरणीय थे। जेटली एक किताब थे जिसे हर व्यक्ति, हर नेता को पढ़ना चाहिए। बीजद नेता पिनाकी मिश्रा ने कहा कि उनके साथ बिताया हर क्षण शानदार रहा। वे सकारात्मकता और उम्मीदों से भरे थे। जदयू के राजीव रंजन सिंह ने कहा कि जेटली ने जिसके साथ भी रिश्ता बनाते थे, उसे अंतिम क्षण तक निभाते थे। अन्नाद्रमुक नेता नवनीतकृष्णन ने कहा कि अरूणजी का निधन संसद और देश को अपूरणीय क्षति है।अरुण जेटली का लंबी बीमारी के बाद 23 अगस्त को एम्स में 66 वर्ष की आयु में निधन हो गया था। उन्हें सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद नौ अगस्त को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया था।
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