Farooq Abdullah, Omar और Mehbooba को लगे झटके से खुश नजर आ रहे हैं Jammu-Kashmir के लोग

farooq omar mehbooba
Prabhasakshi

यदि कश्मीर घाटी की बात करें तो यहां के लोग भी बेहद खुश नजर आ रहे हैं और कह रहे हैं कि हमें अब समझ आ चुका है कि 370 हमारे विकास में बाधक था। आज जिस तरह से हर जगह सड़कों, पुलों का निर्माण हो रहा है उससे कनेक्टिविटी सुधरी है।

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाये जाने के मोदी सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया तो फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के पैरों के नीचे से जैसे जमीन ही खिसक गयी। देखा जाये तो कश्मीर घाटी में दशकों तक राज करने वाले वह सारे नेता इस समय परेशान हैं जो दिल्ली से कश्मीरियों के लिए आने वाला पैसा अपनी जेब में डाल लेते थे और 370 लगे होने के चलते उन्हें किसी को हिसाब भी नहीं देना पड़ता था। लेकिन वक्त बदला और केंद्र में मोदी सरकार आई। प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी कश्मीर नीति को अमली जामा पहनाने का काम गृह मंत्री अमित शाह को सौंपा और उन्होंने बड़ी कुशलता के साथ 370 को एक झटके में उखाड़ फेंका।

आज कश्मीर में चारों ओर विकास की बयार देखने को मिल रही है। शहर स्मार्ट सिटी बन रहे हैं और सुदूर गांवों तक बिजली, पानी और सड़क जैसी बुनियादी जरूरतें आजादी के बाद पहली बार पहुँच रही हैं। मोदी सरकार ने पंचायत चुनाव कराए जिससे जम्मू-कश्मीर के गांवों में सरपंचों के माध्यम से केंद्र की सारी योजनाओं का लाभ पहुँच पा रहा है। राजौरी जिले के एक गांव में तो महिला सरपंच और पंचायत सदस्यों ने पूरे क्षेत्र की तस्वीर ही बदल डाली है।

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इसके अलावा यदि कश्मीर घाटी की बात करें तो यहां के लोग भी बेहद खुश नजर आ रहे हैं और कह रहे हैं कि हमें अब समझ आ चुका है कि 370 हमारे विकास में बाधक था। आज जिस तरह से हर जगह सड़कों, पुलों का निर्माण हो रहा है उससे कनेक्टिविटी सुधरी है। अनंतनाग के पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष मोहम्मद इकबाल ने कहा, “अनुच्छेद 370 को देखें। यह सिर्फ वोट बैंक की राजनीति थी। नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी और अन्य राजनीतिक दल पिछले 70 वर्षों से वोट ले रहे हैं और अपना पारिवारिक शासन चला रहे हैं।'' उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यह अस्थायी था, और अब आप हर क्षेत्र में विकास देख सकते हैं, चाहे वह शिक्षा, स्वास्थ्य या अन्य क्षेत्र हों।'' कोई लाभ नहीं मिला और अब सर्वोच्च न्यायालय ने इस मुद्दे को हमेशा के लिए समाप्त कर दिया है और अब पूरे कश्मीर घाटी में विकास हो रहा है, हम आभारी हैं कि यह मुद्दा बंद हो गया और अब विकासात्मक गतिविधियाँ चल रही हैं।

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