बजट में सबको मिली सौगात, सरकार बोली- अबकी बार खुश हो जाओ यार !
आम चुनाव से पहले आमतौर पर सरकार अंतरिम बजट पेश करती है जिसमें नई सरकार बनने तक के लिये चार माह का लेखानुदान पारित कराया जाता है। चुनाव के बाद सत्ता में आने वाली नई सरकार जुलाई में पूर्ण बजट पेश करेगी।
नयी दिल्ली। आम चुनावों से ठीक पहले ज्यादा से ज्यादा वर्गों को खुश करने की जोरदार कोशिश के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने शुक्रवार को पेश अंतरिम बजट में मध्यम वर्ग, किसानों और मजदूरों के लिये लोक लुभावन घोषणायें कीं। प्रस्तावों में सरकार ने मध्यम वर्ग और आम नौकरी पेशा तबके की पांच लाख रुपये तक की आय को कर मुक्त करने तथा दो हेक्टेयर तक की जोत वाले किसानों को साल में 6,000 रुपये का नकद समर्थन देने की पेशकश की है।
अंतरिम बजट भाषण को कमोबेश पूर्ण बजट में बदलते हुए वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने उन वर्गों का खास खयाल रखा है जिनके चलते माना जा रहा था कि भाजपा को हाल में हुए विधानसभा चुनावों में, खासकर मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ व राजस्थान में, नुकसान हुआ। किसानों व मध्यम वर्ग के अलावा असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए मेगा पेंशन योजना की घोषणा पीयूष गोयल ने की। इन तीन क्षेत्रों के लिए बजट प्रस्तावों में कुल मिला कर करीब सवा लाख करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है जिसके जरिए लगभग 25 करोड़ लोगों को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य है।
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आम चुनाव से पहले आमतौर पर सरकार अंतरिम बजट पेश करती है जिसमें नई सरकार बनने तक के लिये चार माह का लेखानुदान पारित कराया जाता है। चुनाव के बाद सत्ता में आने वाली नई सरकार जुलाई में पूर्ण बजट पेश करेगी। गोयल को अरुण जेटली के स्थान पर वित्त मंत्री बनाया गया है। जेटली अपना इलाज कराने अमेरिका गये हैं। सरकार ने बजट में दो हेक्टयेर तक की जोत वाले छोटे किसानों को साल में 6,000 रुपये का नकद समर्थन देने की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना तथा असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिये तीन हजार रुपये की पेंशन देने के लिये ‘‘प्रधानमंत्री श्रम-योगी मानधन वृहद पेंशन योजना शुरू करने का प्रस्ताव किया है। किसानों को सालभर में दो- दो हजार रूपये की तीन किस्तों में कुल 6,000 रुपये उनके खाते में हस्तांतरित किए जाएंगे। इसके लिए अगले वित्त वर्ष में 75,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
गोयल ने कहा कि यह योजना इसी वित्त वर्ष से लागू हो जाएगी और इसके लिए 20,000 करोड़ रूपये को प्रावधान किया गया है। पीयूष गोयल ने मध्यम वर्ग और नौकरी पेशा तबके की मांग को स्वीकार करते हुये पांच लाख रुपये तक की व्यक्तिगत आय को कर मुक्त कर दिया। उन्होंने कहा कि वह कर स्लैब में फिलहाल कोई बदलाव नहीं कर रहे हैं लेकिन पांच लाख रुपये तक की आय पर कर से पूरी छूट होगी। उन्होंने कहा कि यदि आपने कर छूट वाली विभिन्न योजनाओं में निवेश किया है तो साढे़ छह लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं देना होगा। इसके अलावा यदि आवास ऋण लिया गया है तो उसके दो लाख रुपये तक के ब्याज भुगतान पर भी कर छूट उपलब्ध होगी। पेंशन योजना एनपीएस पर पचास हजार रुपये की अतिरिक्त कर छूट है।
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बजट में मानक कटौती को 40,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया गया है। मौजूदा कर स्लैब के मुताबिक ढाई लाख से पांच लाख रुपये तक वार्षिक आय पर पांच प्रतिशत, पांच से दस लाख रुपये की आय पर 20 प्रतिशत और दस लाख रुपये से अधिक की सालाना आय पर 30 प्रतिशत की दर से कर लागू है। 60 वर्ष और उससे अधिक लेकिन 80 वर्ष से कम के वरिष्ठ नागरिकों के लिये तीन लाख रुपये तक की आय कर मुक्त है जबकि 80 वर्ष और इससे अधिक उम्र के बुजुर्गों की पांच लाख रुपये तक की आय पहले से ही कर मुक्त है। वित्त मंत्री ने कहा कि वह आयकर स्लैब में कोई बदलाव नहीं कर रहे हैं लेकिन पांच लाख रुपये तक आय को आयकर से छूट देने का प्रस्ताव किया जाता है।
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