J-K Assembly elections 2024: PDP ने जारी की 17 उम्मीदवारों की सूची, खुद चुनाव नहीं लड़ेंगी महबूबा मुफ्ती

mehbooba mufti
ANI
अंकित सिंह । Aug 28 2024 4:32PM

इस सूची में ईदगाह से मोहम्मद खुर्शीद आलम, बडगाम से आगा सैयद मुनत्ज़िर मेहदी, जदीबल से शेख गौहर अली, चनापोरा से मोहम्मद इकबाल ट्रंबू और नौशेरा से एडवोकेट हक नवाज शामिल हैं।

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने बुधवार को आगामी जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए 17 उम्मीदवारों की एक नई सूची जारी की। पार्टी की अधिसूचना के मुताबिक, इन उम्मीदवारों को मध्य और उत्तरी कश्मीर के लिए नामांकित किया गया है। इस सूची में ईदगाह से मोहम्मद खुर्शीद आलम, बडगाम से आगा सैयद मुनत्ज़िर मेहदी, जदीबल से शेख गौहर अली, चनापोरा से मोहम्मद इकबाल ट्रंबू और नौशेरा से एडवोकेट हक नवाज शामिल हैं। मुहम्मद खुर्शीद आलम पहले पीडीपी छोड़कर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस में शामिल हो गए थे। वह हाल ही में पीडीपी में फिर से शामिल हो गए। 

इसे भी पढ़ें: Prabhasakshi Newsroom | पाकिस्तान के बलूचिस्तान में हुए घातक हमलों के पीछे क्या वजह है? बलूच लिबरेशन आर्मी क्यों हो रही है आक्रामक! Balochistan Attacks Story

इसी तरह, बशारत बुखारी, जो पहले पीडीपी में थे, ने पार्टी छोड़ दी और नेशनल कॉन्फ्रेंस में शामिल हो गए। वह हाल ही में फिर से पीडीपी में शामिल हो गए। सूची के अनुसार, मोहम्मद खुर्शीद आलम ईदगाह से, शेख गौहर अली जदीबल से, मोहम्मद इकबाल ट्रंबू चनापोरा से, बशीर अहमद मीर गांदरबल से, आगा सैयद मुंतजिर मेहदी बडगाम से, एडवोकेट जाविद चौधरी सुरेंकोट से, एडवोकेट महरूफ खान मेंढर से चुनाव लड़ेंगे। , इसके अलावा गुलाबगढ़ से फारूक इंकलाबी, कालाकोट-सुंदरबनी से एडवोकेट सैयद माजिद शाह, नौशेरा से एडवोकेट हक नवाज, राजौरी से मास्टर तसादुक हुसैन, थन्नामंडी से एडवोकेट गुफ्तार अहमद चौधर, बांदीपोरा से सैयद तजामुल इस्लाम, लोलाब से एडवोकेट अब्दुल हक खान, बशारत बुखारी वागुरा क्रेरी, और पट्टन से जावेद इकबाल गनी मैदान में होंगे।

इसे भी पढ़ें: Jammu-Kashmir Assembly Elections: समाजवादी पार्टी जम्मू-कश्मीर में सात सीटों पर लड़ेगी चुनाव

पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को कहा कि वह जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी। उन्होंने कहा कि अगर वह मुख्यमंत्री बन भी गईं तो भी वह केंद्र शासित प्रदेश में अपनी पार्टी का एजेंडा पूरा नहीं कर पाएंगी। उन्होंने कहा, “मैं भाजपा के साथ एक सरकार की मुख्यमंत्री रही हूं जिसने (2016 में) 12,000 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी वापस ले ली थी। क्या हम अब ऐसा कर सकते हैं? मैंने (प्रधानमंत्री) मोदी के साथ सरकार की मुख्यमंत्री के रूप में अलगाववादियों को बातचीत के लिए आमंत्रित करने के लिए एक पत्र लिखा था। क्या आप आज ऐसा कर सकते हैं? मैंने जमीनी स्तर पर संघर्ष विराम (लागू) करवाया। क्या आप आज ऐसा कर सकते हैं? अगर आप मुख्यमंत्री के तौर पर प्राथमिकी वापस नहीं ले सकते, तो ऐसे पद का क्या मतलब है?”

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़