Punjab की इस सीट पर दल-बदलुओं का मेला, पवन, सुशील या चरणजीत, किसे मिलेगी जीत?
कौर को 2023 के उपचुनाव में मैदान में उतारा गया था क्योंकि उनके पति चौधरी संतोख सिंह, जालंधर से मौजूदा कांग्रेस सांसद, की राहुल गांधी की पहली भारत जोड़ो यात्रा में भाग लेने के तुरंत बाद मृत्यु हो गई थी।
जालंधर लोकसभा सीट ऐतिहासिक रूप से कांग्रेस का गढ़ रही है। पार्टी ने 1952 के बाद से तीन उपचुनावों सहित 20 चुनावों में 15 बार सीट जीती है। हालांकि, 2023 के उपचुनावों में परिदृश्य नाटकीय रूप से बदल गया, जब कांग्रेस के करमजीत कौर को कांग्रेस विधायक से आम आदमी पार्टी (आप) के उम्मीदवार बने सुशील रिंकू ने हराया था। कौर भी अब भाजपा में हैं और कांग्रेस द्वारा उन्हें जालंधर से टिकट नहीं दिए जाने के बाद उन्होंने पाला बदल लिया है। कौर को 2023 के उपचुनाव में मैदान में उतारा गया था क्योंकि उनके पति चौधरी संतोख सिंह, जालंधर से मौजूदा कांग्रेस सांसद, की राहुल गांधी की पहली भारत जोड़ो यात्रा में भाग लेने के तुरंत बाद मृत्यु हो गई थी।
इसे भी पढ़ें: दिल्ली के LG का बड़ा एक्शन, स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज के OSD निलंबित, जानें पूरा मामला
क्यों कहा जाता है कांग्रेस का अभेद किला
कांग्रेस का गढ़ मानी जाने वाली जालंधर लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व किसी जमाने में देश के 12वें प्रधानमंत्री इन्द्र कुमार गुजराल ने किया था। कांग्रेस ने अपने अभेद किले को बचाने के लिए दलित नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को मैदान में उतारा है। चन्नी रूपनगर जिले की चमकौर साहिब सीट से विधायक थे। आम आदमी पार्टी (आप) ने दो बार के विधायक और अकाली दल के पूर्व नेता पवन कुमार टीनू को चुनाव मैदान में उतारा है। टीनू अप्रैल में ही सत्तारूढ़ पार्टी में शामिल हुए थे। वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मौजूदा सांसद सुशील रिंकू पर दांव लगाया है। रिंकू को आप ने पहले अपना उम्मीदवार घोषित किया था लेकिन उन्होंने पार्टी छोड़कर भाजपा का दामन लिया और जालंधर सीट से नामांकन दाखिल किया। रिंकू पिछले वर्ष कांग्रेस को छोड़कर आप में शामिल हुए थे। सुखबीर सिंह बादल नीत शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने कांग्रेस की पंजाब इकाई के पूर्व प्रमुख व पूर्व सांसद मोहिंदर सिंह कायपी को चुनाव मैदान में उतारा है।
इसे भी पढ़ें: Kejriwal जिन टेस्टों का बहाना बनाकर 7 दिन की अतिरिक्त अंतरिम जमानत मांग रहे हैं वे सभी एक दिन में ही हो जाएंगे: Virendraa Sachdeva
16.54 लाख वोटर्स करेंगे फैसला
जालंधर निर्वाचन क्षेत्र में कुल 16.54 लाख मतदाता हैं, जिनमें से लगभग 37 प्रतिशत आबादी अनुसूचित जाति की है। इस लोकसभा सीट में नौ विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं, जिनमें फिल्लौर (अजा), नकोदर, शाहकोट, करतारपुर (अजा), जालंधर वेस्ट (अजा), जालंधर सेंट्रल, जालंधर नॉर्थ, जालंधर कैंट और आदमपुर (अजा) शामिल हैं।। प्रचार के दौरान कांग्रेस उम्मीदवार चन्नी क्षेत्र के मतदाताओं को अपने विधानसभा क्षेत्र चमकौर साहिब में किए गए विकास कार्यों के बारे में बता रहे हैं। चन्नी कहते हैं, मैं यहां रहने आया हूं। मेरे पूर्वज यहीं के हैं। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि मैं आपके साथ रहूंगा और आपकी सेवा करूंगा। वहीं भाजपा उम्मीदवार और मौजूदा सांसद सुशील रिंकू को केंद्र की मोदी सरकार के 10 वर्षों के प्रदर्शन पर भरोसा है। लोकसभा चुनाव 2019 में जालंधर सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार संतोख चौधरी ने जीत हासिल की थी। हालांकि, जनवरी 2023 में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान चौधरी का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया, जिसके बाद हुए उपचुनाव में रिंकू ने जीत हासिल की थी। पंजाब की सभी 13 लोकसभा सीट के लिए मतदान एक जून को होगा।
अन्य न्यूज़