पटना के एसएसपी ने पीएफआई की तुलना आरएसएस से करने पर दी सफाई
यह पूछे जाने पर क्या आपके बयान का गलत अर्थ निकाला गया, एसएसपी ने हामी भरते हुए कहा कि मुझे लगता है इसकी बहुत ही ‘‘चुनिंदा व्याख्या’’ की गई।
पटना| पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) मानवजीत सिंह ढिल्लों ने इस्लामिक चरमपंथी संगठन पीएफआई की कथित तुलना आरएसएस से करने पर शुक्रवार को सफाई दी। उन्होंने कहा कि उनके बयान का ‘गलत’ मतलब निकाला गया है।
पटना के फुलवारीशरीफ इलाके में गिरफ्तार संदिग्ध आतंकवादियों द्वारा युवाओं को शारीरिक प्रशिक्षण दिए जाने के बारे में पत्रकारों को जानकारी देते हुए ढिल्लों ने कहा था कि ‘‘जैसे आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ) अपनी शाखा आयोजित करता है और लाठी का प्रशिक्षण देता है, उसी प्रकार से ये लोग युवाओं बुलाकर उन्हें शारीरिक प्रशिक्षण देते थे और उनका ‘ब्रेनवाश’ करते थे एवं उन्हीं के माध्यम अपना एजेंडा लोगों तक पहुंचाने का काम करते थे।’’
ढिल्लों ने अपने उक्त बयान को पीएफआई से आरएसएस की तुलना के तौर पर लिए जाने पर शुक्रवार को सफाई देते हुए कहा कि तुलना का कोई प्रश्न ही नहीं है।
उहोंने कहा, ‘‘ इसे मैं पहले भी स्पष्ट कर चुका हूं और पुनः वजाहत कर रहां हूं कि इसमें किसी संगठन से तुलना करने का न तो कोई उद्देश्य था और न ही कोई प्रश्न उठता है।’’यह पूछे जाने पर क्या आपके बयान का गलत अर्थ निकाला गया, एसएसपी ने हामी भरते हुए कहा कि मुझे लगता है इसकी बहुत ही ‘‘चुनिंदा व्याख्या’’ की गई।
उन्होंने कहा कि कल के संवाददाता सम्मेलन में इनकी (संदिग्धों की)कार्यशैली के बारे में पूछे जाने पर बरामद दस्तावेजों के आधार पर उन्होंने उक्त बातें कही थी। यह पूछे जाने पर इसके पीछे उनकी कोई गलत मंशा नहीं थी, एसएसपी ने कहा कि बिल्कुल मेरी ऐसी कोई मंशा नहीं थी।
इस मुद्दे पर राजनीतिक दलों द्वारा की जा रही बयानबाजी पर एसएसपी ने कहा कि हम किसी भी विवाद से विचलित हुए बिना केवल जांच पर अपना ध्यान केंद्रित किए हुए हैं।
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता और पार्टी के ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री निखिल आनंद ने पटना के एसएसपी की इस पूरे विवाद पर दी गई सफाई को हास्यास्पद करार दिया। उन्होंने कहा कि ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अब पटना के एसएसपी अपनी सफाई में जो बातें कह रहें हैं, वह और भी ज्यादा खतरनाक है।’’
आनंद ने कहा कि एसएसपी का यह कहना कि उन्होंने जो कुछ भी कहा वह पूछताछ के दौरान पीएफआई सदस्यों द्वारा बताया गया था। क्या एसएसपी अपने बयानों से अप्रत्यक्ष तौर पर सार्वजनिक तौर पर पीएफआई को ‘क्लीनचिट’ देकर ‘चरित्र प्रमाणपत्र’ दे रहे हैं।
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