'नेहरू के समय हुआ था देश का बंटवारा', असम CM बोले- कांग्रेस को मांगनी चाहिए माफी
भाजपा नेता ने साफ तौर पर कहा कि नेहरू ने देश के लोगों के साथ जो किया है, उसके लिए कांग्रेस को माफी मांगने चाहिए ।आप इस्लामाबाद और लाहौर जा सकते हैं। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने परिवारवाद की राजनीति को लेकर भी बड़ा बयान दिया है।
कांग्रेस के भारत जोड़ो यात्रा पर भाजपा जबरदस्त तरीके से हमलावर है। इन सब के बीच असम के मुख्यमंत्री और भाजपा नेता हिमंत बिस्वा सरमा ने भी बड़ा बयान दिया है। कांग्रेस के भारत जोड़ो यात्रा पर तंज कसते हुए हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू के शासनकाल में भारत का विभाजन हुआ था। उन्होंने कहा कि दादा देश को तोड़ देंगे और पोते इसे एकजुट करेंगे? इसके साथ ही भाजपा नेता ने साफ तौर पर कहा कि नेहरू ने देश के लोगों के साथ जो किया है, उसके लिए कांग्रेस को माफी मांगने चाहिए। आप इस्लामाबाद और लाहौर जा सकते हैं। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने परिवारवाद की राजनीति को लेकर भी बड़ा बयान दिया है।
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दरअसल, अपने बेबाक बयानों के लिए हमेशा सुर्खियों में रहने वाले हिमंत बिस्वा सरमा ने साफ तौर पर कहा कि भारत को अब परिवारवाद की राजनीति से मुक्त होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत को वंशवाद की राजनीति से मुक्त होना चाहिए। यूपी, बिहार और तेलंगाना में भी यही मुद्दा था जहां वंशवाद की राजनीति चल रही है। भाजपा इसका लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करती है। परिवार 'राज' की जगह एक लोकतांत्रिक पार्टी बने। इसके अलावा सरमा ने राहुल के तमिल पादरी जॉर्ज पोन्नैया से मुलाकात पर भी तंज कसा। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि राहुल गांधी स्पष्ट रूप से पुजारी को हिंदुओं के खिलाफ बोलने के लिए उकसा रहे हैं। आपको तुलना नहीं करनी चाहिए क्योंकि यह देश में सांप्रदायिक विभाजन पैदा करता है। राहुल गांधी को हिंदुओं को अपमानित करने से बचना चाहिए।
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वहीं, तेलंगाना में खुद की सुरक्षा में हुए चूक पर भी हिमंत बिस्वा सरमा ने बयान दिया। उन्होंने कहा कि उनके साथ मेरी जो 30 सेकंड की बातचीत हुई उससे मुझे यही लगता है कि उनको बोला गया था कि आप ऊपर जाकर ऐसा पूछो कि क्यों तेलंगाना में CM के खिलाफ बोला। उनको मालूम नहीं था कि तब तक मैंने बोलना शुरू ही नहीं किया था। उन्होंने कहा कि वह मुझ पर धारदार हथियार से हमला कर सकता था। अगर किसी राजनीतिक दल का सदस्य ऐसा कुछ करता है तो यह अशोभनीय लगता है। यह भारत की 'अतिथि देवो भव' की संस्कृति के खिलाफ था। तेलंगाना सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए। दरअसल, हिमंत बिस्वा सरमा शुक्रवार को तेलंगाना के दौरे पर थे। उन्होंने पार्टी के कार्यक्रम में भाग लिया था।
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