Ayushman Bharat से जुड़ी गड़बड़ियों पर संसदीय समिति ने जतायी चिंता

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समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रणाली में भुगतान के रूप में दर्ज कुल 2,14,923 दावे इन मरीजों के नये उपचार से संबंधित थे। समिति ने सिफारिश की है कि मंत्रालय इस गड़बड़ी को दूर करने के लिए तत्काल कदम उठाए।

एक संसदीय समिति ने कहा है कि आयुष्मान भारत-जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजीएवाई) के तहत अपात्र लाभार्थियों को लाभ प्रदान किया गया, जिसके परिणामस्वरूप बीमा कंपनियों को अतिरिक्त प्रीमियम का भुगतान किया गया।

समिति ने इस स्थिति से बचने के लिए योजना के डेटाबेस में अमान्य प्रविष्टियों को टालने की खातिर अंतर्निहित सत्यापन की आवश्यकता पर जोर दिया। समिति ने यह भी कहा कि दावों के निपटान के लिए इस्तेमाल होने वाली लेन-देन प्रबंधन प्रणाली (टीएमएस) में पहले मृत दिखाये गये मरीज इस योजना के तहत इलाज का लाभ उठाते रहे हैं।

पिछली 17वीं लोकसभा की लोक लेखा समिति द्वारा एबी-पीएमजेएवाई की लेखापरीक्षा रिपोर्ट इस सप्ताह संसद में पेश की गयी। टीएमएस के डेटा विश्लेषण से पता चला कि योजना के तहत इलाज के दौरान 88,760 मरीजों की मृत्यु दर्ज की गई।

समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रणाली में भुगतान के रूप में दर्ज कुल 2,14,923 दावे इन मरीजों के नये उपचार से संबंधित थे। समिति ने सिफारिश की है कि मंत्रालय इस गड़बड़ी को दूर करने के लिए तत्काल कदम उठाए।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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