Parliament Security Breach: मणिपुर मुद्दे पर नारे, जूते के सोल में स्मोक बम...FIR में हुआ बड़ा खुलासा

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ANI
अंकित सिंह । Dec 15 2023 7:16PM

दो अन्य संदिग्धों अमोल शिंदे और नीलम को संसद भवन के बाहर गिरफ्तार किया गया। वे सागर शर्मा और मनोरंजन डी के सहयोगी पाए गए, जो समान विघटनकारी गतिविधियों में संलग्न थे। संदिग्धों को हिरासत में लेने वाले एएसआई सुरेंद्र पाल ने सबूत के तौर पर रचनात्मक रंग के धुएं के चार इस्तेमाल किए गए कनस्तर और एक अप्रयुक्त कनस्तर का उत्पादन किया।

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने लोकसभा सुरक्षा उल्लंघन में शामिल चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पार्लियामेंट स्ट्रीट पुलिस स्टेशन में ड्यूटी ऑफिसर द्वारा दर्ज की गई पहली सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) से अब इस बात का खुलासा हुआ है कि घुसपैठ की साजिश कैसे रची गई थी। एफआईआर के मुताबिक, सागर शर्मा ने धुएं का गुबार अपने जूतों के अंदर छिपा रखा था। उन्होंने स्पोर्ट्स जूते पहने हुए थे जिन्हें इस उद्देश्य के लिए संशोधित किया गया था। सबसे पहले उनके जूतों के रबर सोल की मोटाई बढ़ाई गई। फिर, बाएं जूते के तलवे के अंदर एक गड्ढा खोदा गया। दाहिने जूते का तलवा भी आंशिक रूप से कटा हुआ पाया गया। 

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सागर शर्मा और मनोरंजन डी द्वारा प्रयुक्त रंगीन धुआं फोड़ने वाले दो गीले कनस्तरों को भी जब्त कर लिया गया है। दोनों मणिपुर हिंसा पर भी नारे लगाने की योजना बना रहे थे। एफआईआर के अनुसार, दोनों के पास से दो फटे और क्षतिग्रस्त पर्चे पाए गए - एक में अंग्रेजी में मुद्रित "जय हिंद" नारा और तिरंगे में मुट्ठी की तस्वीर थी और दूसरे में मणिपुर मुद्दे पर एक अंग्रेजी नारा था। दो अन्य संदिग्धों अमोल शिंदे और नीलम को संसद भवन के बाहर गिरफ्तार किया गया। वे सागर शर्मा और मनोरंजन डी के सहयोगी पाए गए, जो समान विघटनकारी गतिविधियों में संलग्न थे। संदिग्धों को हिरासत में लेने वाले एएसआई सुरेंद्र पाल ने सबूत के तौर पर रचनात्मक रंग के धुएं के चार इस्तेमाल किए गए कनस्तर और एक अप्रयुक्त कनस्तर का उत्पादन किया।

एफआईआर से संकेत मिलता है कि प्रारंभिक जांच में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की धारा 16 और 18 के तहत अपराध का पता चलता है। आरोपों में लोक सेवकों के काम में बाधा डालना, लोक सेवकों को कर्तव्य निर्वहन से रोकने के लिए उन पर हमला करना या आपराधिक बल का प्रयोग करना, घर में अतिक्रमण करना, धर्म, नस्ल आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना और आपराधिक साजिश शामिल हैं। वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशानुसार मामले को आगे की जांच के लिए स्पेशल सेल को भेज दिया गया है। चारों आरोपी व्यक्तियों को संसद परिसर के अंदर उनके कार्यों के लिए कानूनी परिणाम भुगतने की उम्मीद है।

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संसद पर 2001 में किए गए आतंकी हमले की बरसी के दिन बुधवार को, सुरक्षा में चूक की बड़ी घटना उस वक्त हुई, जब लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा से दो लोग सदन के भीतर कूद गए और ‘केन’ के जरिये पीले रंग का धुआं फैला दिया। घटना के तत्काल बाद दोनों को सांसदों ने पकड़ लिया। पुलिस ने बताया कि इन केन पर उपयोगकर्ताओं के लिये चेतावनी थी कि वे इसका इस्तेमाल करते वक्त चश्मा और दस्ताने पहनें और इसका बंद कमरे या बंद जगह पर कभी उपयोग नहीं करें। दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने संसद की सुरक्षा में चूक के मामले में दो और लोगों से पूछताछ की। एक आधिकारिक सूत्र ने बृहस्पतिार को यह जानकारी दी थी। सूत्र ने बताया कि विशेष प्रकोष्ठ की ‘काउंटर इंटेलीजेंस इकाई’ ने बृहस्पतिवार देर रात दो लोगों को पकड़ा। इनमें से एक को राजस्थान से पकड़ा गया। 

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